★ जीआइसी रातीघाट व प्राथमिक विद्यालय घुना में पेयजल संकट से हाहाकार
★ अभिभावकों व पंचायत प्रतिनिधि तथा ग्रामीणों में रोष
★ जल्द व्यवस्था में सुधार की उठाई मांग
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
जल संस्थान के लाभ दावों के बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा। गांव के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं तो वही विद्यालयों में नौनिहालों को भी पीने के पानी को पसीना बहाना पड़ रहा है। विद्यालयों में तक पेयजल व्यवस्था दुरुस्त ना हो पाने पर लोगों में गहरा रोष व्याप्त है। व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई है। चेताया है कि यदि जलापूर्ति दुरुस्त नहीं की गई तो फिर संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाऐगी।
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में पेयजल संकट बरकरार है। आपदा को सात महीने में बीतने के बावजूद गांवों के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। गांवो के साथ ही अब विद्यालयों में पेयजल संकट से नौनिहालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बूंद बूंद पानी के लिए नौनिहालों को पसीना बहाना मजबूरी बन चुका है। राजकीय इंटर कॉलेज रातीघाट में अध्ययनरत करीब 350 विद्यार्थियों के आगे पेयजल संकट बना हुआ है। वहीं राजकीय प्राथमिक विद्यालय घुना में भी नौनिहाल पानी को लेकर परेशान हैं। मजबूरी में दो सौ मीटर दूर से पानी ढोना पड़ रहा है विद्यालय में कार्यरत भोजन माता को भोजन तैयार करने के लिए भी दूर दराज से पानी लाना मजबूरी बन चुका है अभिभावकों का आरोप है कि कई बार विद्यालयों में पेयजल आपूर्ति दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। विद्यालय के नौनिहाल पानी के लिए ही जद्दोजहद कर रहे हैं ऐसे में शैक्षणिक व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। क्षेत्र के लोगों अभिभावकों व पंचायत प्रतिनिधियों ने विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि जल्द व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो फिर संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाऐगी।