= पुल के रैंप पर गड्ढा व भूंधसाव से दोगुना हुआ खतरा
= अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के खस्ताहाल होने से रानीखेत पुल पर बढ़ गया वाहनों का दबाव
= समय रहते नहीं ली गई सुध तो बड़ा खतरा आ सकता है सामने
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
ऐतिहासिक व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रानीखेत पुल पर एक बार फिर खतरा मंडरा गया है। बरसात से ठीक पहले पुल के रैंप पर गड्ढा होने से खतरा बढ़ने की आशंका है। गड्ढे के आसपास धंसाव भी हो रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों को रसद तथा कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत स्थित सेना के वाहन भी इसी पुल से आवाजाही करते हैं यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। लोनिवि के सहायक अभियंता के अनुसार जल्द निरीक्षण किया जाएगा। जो भी कमी पाई जाएगी उसे दूर किया जाएगा।
खैरना के समीप अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर कोसी नदी पर बने ब्रितानी दौर के सेतु पर रैंप के किनारे गड्ढा होने से बड़ा खतरा सामने आने की आशंका है। ब्रितानी दौर में बने इस सेतु के विकल्प के तौर पर समीप ही नए पुल का निर्माण भी किया जा रहा है पर अभी नया पुल निर्माणाधीन है जिसमें 3 तीन से चार महीने का समय लगने का अनुमान है। वर्तमान में ब्रितानी दौर में बने पुल पर ही वाहनों की आवाजाही हो रही है। अल्मोडा़ हल्द्वानी हाईवे के खस्ताहाल होने से वाहनों का रुख वाया रानीखेत हो चुका है। ऐसे में पुल पर भी वाहनो का दबाव बढ़ चुका है। वही रानीखेत स्थित सेना के कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर के वाहन भी इसी पुल से आवाजाही करते हैं। रैंप में गड्ढा होने से ऐतिहासिक सेतु के अस्तित्व पर खतरा मंडराने की आशंका है। आवाजाही कर रहे वाहन चालकों ने नए पुल निर्माण होने तक फिलहाल पुराने पुल को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। कहा कि यदि पुल के रैंप पर हुए गड्ढे व धंसाव को गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। इधर लोनिवि के सहायक अभियंता कुंदन सिंह बिष्ट के अनुसार जल्द मौके पर टीम भी भेज निरीक्षण किया करवाया जाएगा जो भी कमी होगी उसे दूर कर लिया जाएगा।