= घिरौली क्षेत्र में वन पंचायत भूमि पर बगैर अनुमति रोड बनाए जाने पर जताई नाराजगी
= संवैधानिक अस्तित्व को खत्म करने का लगाया आरोप
= रिवर ड्रेनिंग के कार्यो पर रोक लगाए जाने की उठाई मांग

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के घिरौली वन पंचायत क्षेत्र में भारी कंपन पैदा करने वाली पौकलेंड मशीन से रातोंरात रास्ता बनाए जाने से पंचायत प्रतिनिधियों व वन पंचायत सरपंचो का पारा चढ़ गया है। मौके पर पहुंच बिना विश्वास में लिए रोड बनाए जाने पर नाराजगी जताई। दो टूक चेतावनी दी की यदि क्षेत्र में वन पंचायत भूमि पर रिवर ड्रेनिंग कार्य निरस्त नही किए गए तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाऐगी।आरोप लगाया की गांवो की सड़को व पैदल रास्तो की सुध न लेकर रिवर ड्रेनिंग कार्यो को प्राथमिकता दी जा रही है जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जाऐगा।
बेतालघाट क्षेत्र में बरसात से पहले रिवर ड्रेनिंग कराए जाने की तैयारी से लोगो में नाराजगी है। वही बेतालघाट के पाली तथा घोडियां हल्सों वन पंचायत क्षेत्र में बगैर अनुमति रिवर ड्रेनिंग कराए जाने पर वन पंचायत सरपंचो ने रोष जताया है । बगैर सूचना दिए वन पंचायत की भुमि पर मशीन से रास्ता बनाए जाने पर आपत्ति जताई। आरोप लगाया कि गांव के 500 मीटर पीछे बीच गधेरे में 400 मीटर लंबा,व 30 मीटर चौड़ा तथा छह मीटर गहरी रिवर ड्रेनिंग स्वीकृत की गई है भविष्य में गांवो को नुकसान होने की आशंका है। पंचायत प्रतिनिधियों ने राजस्व निरीक्षक को मौके पर बुलाया। आरोप लगाया की गांवो के लोगो के अधिकार खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने आज तक खनन निधि न्यास से एक रुपया तक पंचायतों के विकास को नहीं दिया है जबकि सबसे ज्यादा नुकसान गांवों के पैदल रास्तों व सड़कों को हुआ है। चेतावनी दी कि यदि रिवर ड्रेनिंगके कार्यों पर रोक नहीं लगाई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान ग्राम प्रधान शेखर दानी, बीडीसी सदस्य प्रकाश आर्या, नवीन आर्या, चंद्र लाल, संजय कश्मीरा, रोहित बेलवाल, रामू भंडारी, सदी राम आदि मौजूद रहे।