= वन क्षेत्राधिकारियों ने किया कार्रवाई का दावा
= स्वीकृत क्षेत्र की आड़ में अलग-अलग स्थानों पर चीड़ के पेड़ों से लीसा निकालने की चर्चा
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
जंगलों में अनुमति के आड़ में अलग अलग स्थानो से लीसा निकाले जाने की सुगबुगाहट से वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। वन विभाग के वन क्षेत्राधिकारियों ने एक ओर मामले पर गंभीरता से जांच कराने का दावा किया है तो वही जंगलों में लीसे के अवैध कारोबार से लोगों में गहरा रोष है। मामले पर कार्रवाई की मांग उठी है। स्वीकृत क्षेत्र से बाहर चीड़ के पेड़ों को जख्मी कर लीसा निकालने की चर्चाओं से बाजार गर्म है।
रामगढ़ तथा बेतालघाट ब्लॉक के तमाम क्षेत्रों में चीड़ के पेड़ों से लीसा निकाला जाता है जिससे सरकार व वन विभाग को अच्छा खासा राजस्व मिलता है पर स्वीकृत क्षेत्र की आड़ में अन्य जगह अन्य जगह से लीसा निकाले जाने की सुगबुगाहट भी जोरों पर है। मामले की सूचना पर वन विभाग भी सख्ते में आ गया है। हालांकि वन क्षेत्राधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लें निरीक्षण व जांच का दावा किया है। चर्चा है कि जंगलों में अवैध लीसे का कारोबार खूब फल फूल रहा है। स्वीकृत क्षेत्र की आड़ में दूसरी जगह से चीड़ के पेड़ों को जख्मी कर लीसा निकाला जा रहा है जिससे सरकार व वन विभाग को भी राजस्व की चपत लग रही है। लंबे समय से विभाग की आंखों में धूल झोंक लीसे का अवैध कारोबार किया जा रहा है बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही। रामगढ़ ब्लॉक के उत्तरी गौला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद कुमार आर्या ने मामले को गंभीरता से लें जांच कराने का दावा किया है। इधर बेतालघाट ब्लॉक के नैना रेंज की वन क्षेत्राधिकारी ममता चंद के अनुसार कुछ वर्क आर्डर हुए हैं। कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी यदि अवैध लीसे का कारोबार हुआ तो मामले में लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। स्वीकृत क्षेत्र की आड़ में दूसरी जगह से से चीड़ के पेड़ों से लीसा निकाले जाने के मामला से चर्चाओं का बाजार भी गर्म है।