= खैरना स्थित संगम में शिप्रा व कोसी के बहाव से छेड़छाड़
= प्रशासन तक पहुंचा मामला, धनियाकोट पुल के दोनो ओर सौ मीटर क्षेत्र में नही है खदान की अनुमति
= मशीनो ने नियमों को तोड़ दे डाली चुनौती
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
रिवर ड्रेनिंग के लिए शिप्रा नदी में पहुंची भारी कंपन पैदा करने वाली मशीने धनियाकोट पुल के समीप प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गरजी। मशीन के पंजो ने संगम पर नदी के बहाव में तीखी प्रहार किए। मशीन की गर्जना व बहाव में प्रहार से लोग सख्ते में आ गए। सूचना प्रशासन को भी दी गई है।
दरअसल अक्टूबर में उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी के वेग में आने के बाद कई आवासीय भवनों को नुकसान हुआ। अब आठ महिने बाद नदी से रिवर ड्रेनिंग के माध्यम से मलवा हटाए जाने का कार्य किया जाना है। कोसी व शिप्रा में अलग-अलग स्थानों पर कार्य प्रस्तावित है। बीते दिनो प्रशासन ने खनन विभाग के साथ संयुक्त सर्वे कर सीमांकन भी कर दिया पर रविवार को भारी कंपन पैदा करने वाली पॉकलैंड व जेसीबी मशीन उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी के संगम पर प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गई। संगम के बीचोबीच तीखे प्रहार किए गए। प्रतिबंधित क्षेत्र में मशीनों के पहुंचने व नदी के बीचो-बीच प्रहार से लोगों ने नाराजगी जताई। सूचना प्रशासन को भी दी गई। मशीनों के पंजे संगम स्थल से मलवा खोद नदी के प्रवाह में डालते रहे। रिवर ड्रेनिंग कार्य शुरू होने से पूर्व ही मशीनो के प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंचने से तमाम सवाल खडे़ हो गए।