◼️ कहीं बड़ी-बड़ी झाड़ियों से पटे तो कहीं निकल रहा दूषित पानी
◼️ विभागीय लापरवाही का खामियाजा उठा रहे गांव के बाशिंदे
◼️ ग्रामीणों ने उठाई बदहाल हैंडपंपों की मरम्मत की मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
लाखों रुपये की धनराशि खर्च कर गांवों में लगाए गए हैंडपंप विभागीय उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। कई जगह हैंडपंप झाड़ियों से पटे पड़े हैं तो कई हैंडपंप पाताल लोक की गहराई में दफन होने को तैयार है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई जगह हैंडपंप से साफ पेयजल भी नहीं मिल रहा।क्षेत्रवासियों ने गांवों में लगे हैंडपंपों को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
पेयजल स्रोतों से गांवों में आपूर्ति प्रभावित होने पर गांवो के लोग हैंडपंप पर निर्भर रहते हैं पर विभागीय अनदेखी से हैंडपंप से भी गांवों के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा। बेतालघाट ब्लाक के रातीघाट – बेतालघाट मोटर मार्ग पर सिमलखा, धनियाकोट तथा भुजान – बेतालघाट मोटर मार्ग पर भी तमाम क्षेत्रों में लगे हैंडपंप बदहाली का दंश झेल रहे हैं। पानी ना मिलने से कई हैंडपंप झाड़ियों से पटे पड़े हैं तो कई अक्टूबर में आई आपदा के बाद मलबे से दब चुके हैं बावजूद विभाग अनदेखी पर आमादा है। विभागीय उपेक्षा पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है कि कई जगह हैंडपंपों से शुद्ध पानी भी नहीं मिल पा रहा जिस कारण संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है। गांवों के लोगों ने तत्काल बदहाल पड़े हैंडपंपों की मरम्मत कर दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।