= 19 लाख रुपये से हो रहे कार्य में धड़ल्ले से हो रहा मानक से उलट पत्थरों का इस्तेमाल
= शुरुआत में ही खड़े हो रहे गुणवत्ता पर सवाल
= जेई बोले – बोले निगरानी में हो रहा कार्य

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

खैरना चौराहे के समीप धनियाकोट पुल से तमाम गांवो को जोड़ने वाले आठ माह से बदहाल रास्ते की मरम्मत को 19 लाख रुपये से कार्य शुरू हुआ पर शुरुआत में ही गुणवत्ताविहीन कार्य किए जाने से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मानक से उलट भारी भरकम पत्थर भरे जाने से लोगों में भी नाराजगी है। कार्यो की जांच की मांग उठी है। हालांकि संबंधित विभाग के अवर अभियंता ने मानक से उलट भरे गए पत्थरों को हटा लगातार निगरानी में कार्य किए जाने का दावा किया है।
प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी जीरो टॉलरेंस का लाख दम भरे पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। दैवीय आपदा के कार्यों में ही जीरो टॉलरेंस की धज्जियां उड़ाई जा रही है। खैरना के समीप धनियाकोट पुल से सरस्वती शिशु मंदिर, मझेडा़, डोबा समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाला पैदल रास्ता बीते अक्टूबर में आपदा की मार से ध्वस्त हो गया। लगातार आवाज उठाए जाने के बाद करीब 19 लाख रुपये की भारी-भरकम धनराशि स्वीकृत हुई। अभी कार्य शुरू ही हुआ था कि गुणवत्ता विहीन कार्य किए जाने का मामला सामने आ गया। रास्ते की बुनियाद को शिप्रा नदी क्षेत्र में बनाए जा रहे ब्लाक में मानक से उलट भारी भरकर पत्थर भरे जा रहे हैं। जिससे भविष्य में ब्लाक की गुणवत्ता कमजोर पड़ सकती है। दैविय आपदा के कार्यों में ही गुणवत्ता विहीन कार्य किए जाने से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। क्षेत्रवासियों ने मामले की जांच की मांग उठाई है।निर्माण कार्यो की जिम्मेदारी संभाल रहे ग्रामीण निर्माण विभाग के अवर अभियंता इंद्र सिंह चिलवाल के अनुसार ब्लाक में भरे पत्थर हटवा लिए गए हैं। लगातार कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। बकायदा कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए एक कर्मचारी की तैनाती भी की गई है।