= पहले कोरोना व आपदा ने किया नुकसान अब बारिश ने मुंह मोडा़
= शिमला मिर्च तथा टमाटर की खेती हुई प्रभावित
= किसानों को मुआवजा दिए जाने की उठी मांग

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

पहाड़ के किसानों की किस्मत बीते दो-तीन वर्षों से साथ नहीं दे रही। पहले कोरोनाकाल में नुकसान उठाने के बाद आपदा ने किसानों को रुला दिया अब बारिश के मुंह मोड़ने से शिमला मिर्च व टमाटर की खेती प्रभावित हो गई है। लगातार खेती किसानी चौपट होने से अब किसानों का खेतीबाड़ी से मोहभंग होने लगा है। लगातार किसानों को नुकसान होने से लोगों ने किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
बेतालघाट ब्लॉक के धरतीपुत्र के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई है। हरतपा गांव में पहले ही बारिश ना होने से आडू की फसल चौपट हो चुकी है अब टमाटर व शिमला मिर्च की खेती पर संकट गहरा गया है। बारिश न होने से खेतों में उपज सूख चुकी है। बजेड़ी गांव में भी हालात विकट है। ग्राम प्रधान हरतपा विमला रौतेला के अनुसार किसान लगातार नुकसान उठा रहे हैं। बारिश ना होने तथा सिंचाई की समुचित व्यवस्था न होने से उपज खेतों में ही सूख चुकी है। काश्तकार पुष्कर सिंह, नर सिंह, हिमांशु रौतेला, बालम सिंह रौतेला, चंदन सिंह, गोपाल सिंह, पूरन सिंह, राम सिंह, अनूप सिंह, मोहन सिंह, राजेंद्र सिंह के अनुसार किसानों ने आपदा की मार झेलने के बाद बैंकों से ऋण लेकर बामुश्किल खेतों को दुरुस्त किया। सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले खेतों उपज की बुवाई की पर अब बारिश न होने से सब कुछ चौपट हो चुका है। क्षेत्रवासियों ने किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।