🔳 सुरक्षित आवाजाही को लगी लोहे की रैलिंग लंबे समय से पड़ी है क्षतिग्रस्त
🔳 गांवों के लोग भी खतरे के बीच आवाजाही को मजबूर
🔳 लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद हालात विकट
🔳 जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे नौनिहाल, अभिभावक व ग्रामीण
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

सरस्वती शिशु मंदिर खैरना व आसपास के गांवों की आवाजाही को इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण रास्ते पर सुरक्षित आवाजाही को लगी रैलिंग के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद सुध न लिए जाने से अनहोनी का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। स्कूली नौनिहाल, अभिभावक व गांवों के लोग जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर हो चुके हैं।
खैरना स्थित सोमवती आश्रम के समीप से मझेडा, चूवारी तथा डोबा समेत आसपास के तमाम गांवों तथा सरस्वती शिशु मंदिर को आवाजाही के लिए वर्षों पुराने पैदल रास्ते को बीतें वर्षों में आपदा से नुकसान पहुंचा। लाखों रुपये के बजट से रास्ते को दोबारा तैयार किया गया पर अब जिम्मेदारों की अनदेखी से आवाजाही करने वाले लोगों पर खतरा बढ़ गया है। सुरक्षित आवाजाही को खाई की ओर लगी लोहे की रैलिंग लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़े होने के बावजूद सुध न लिए जाने से खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है‌ सरस्वती शिशु मंदिर में अध्ययनरत नौनिहाल व उनके अभिभावक खतरे के बीच जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर है। गांवों के लोगों की जिंदगी पर भी खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रात के समय खतरा दोगुना बढ़ जा रहा है। स्थानीय लोग कई बार रैलिंग को दुरुस्त करने की मांग भी उठा चुके हैं बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। टैक्सी यूनियन अध्यक्ष प्रताप सिंह गौणी, विरेन्द्र सिंह, गजेंद्र सिंह, फिरोज अहमद, योगेश पांडे, दीपक पांडे आदि ने जल्द रैलिंग को दुरुस्त कर आवाजाही सुरक्षित किए जाने की मांग उठाई है।

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