🔳इंद्रदेव ने फेरा मुंह, सिंचाई नहरें जख्मों पर छिड़क रही नमक
🔳शिमला मिर्च, टमाटर, गोभी के पौधे क्यारी में ही सूखे
🔳आड़ू, सेब, खुमानी पुलम, नाशपाती की पैदावार भी हुई कम
🔳फल व सब्जी उत्पादक किसानों को मुआवजा दिए जाने की उठी मांग

((((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

फल व सब्जी उत्पादक पट्टी के नाम से विख्यात बेतालघाट व रामगढ़ ब्लॉक के विभिन्न गांवों कास्तकार बारिश का इंतजार करते करते मायूस हो चुके हैं। बदहाल पड़ी सिंचाई नहरें धरतीपुत्रों के ज़ख्मों में नमक छिड़क रही है। कई सब्जियों की पैदावार चौपट होने के बाद अब फल उत्पादन पर भी संकट मंडरा रहा है। फल उत्पादक किसानों के अनुसार समुचित पानी न मिलने से आड़ू, सेब, खुमानी, पुलम, नाशपाती आदि की पैदावार भी बेहद कम है।

कोरोना काल के बाद से ही पहाड़ के किसानों किस्मत उनसे रुठ चुकी है। कोरोना कल में उपज के खेतों में ही बर्बाद होने से भारी नुकसान के बाद किसानों ने जैसे तैसे हाड़तोड़ मेहनत कर खेती-बाड़ी की ओर रुख किया पर कुछ समय बाद ही मूसलाधार बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। सब कुछ ठिक होने की उम्मीद से समय – समय पर किसानों ने बैंकों से ऋण लेकर खेती-बाड़ी में जुटे रहे पर नुकसान थमने का नाम नहीं ले रहा। अब इंद्रदेव के रुठने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गई है। फल व सब्जी उत्पादक पट्टी के नाम से विख्यात बेतालघाट ब्लॉक के बारगल, कफुल्टा, बजेडी, जाख, चौरसा, लोहाली व धारी, उल्गौर व रामगढ़ ब्लॉक के हरतोला, हली, हरतपा समेत तमाम गांवो के किसान मायूस है। विभिन्न सब्जियों की पैदावार बर्बाद हो चुकी है तो वहीं शिमला मिर्च, टमाटर व गोभी के पौधे क्यारी से खेतों तक नहीं पहुंच पाए हैं । इन गांव में आडू, पूलम, खुमानी, सेब, नाशपाती के फलों की बंपर पैदावार होती है। फलों की धमक दिल्ली, लखनऊ व मुंबई जैसे महानगरों तक भी है पर समुचित सिंचाई का पानी व बारिश न होने से इस वर्ष हालात विकट है। फल उत्पादक किसान तारा दत्त तिवारी, भानु प्रकाश, अमित जोशी, खीमानंद जोशी, गिरीश शर्मा, भैरव नाथ पांडे, बिशन सिंह, पंकज भट्ट आदि के अनुसार कई पेड़ों में फल तक नहीं हो सके हैं थोड़ा बहुत फल हुआ भी है तो उनका आकार बेहद छोटा है। फल उत्पादन प्रभावित होने से आर्थिक स्थिति भी बिगड़ने लगी है। पंचायत प्रतिनिधियों ने किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।