🔳 राजस्व विभाग ने छह महीने पहले प्रस्ताव सरकार को भेजा
🔳 पशुपालन व राजस्व विभाग पूर्व में कर चुका संयुक्त निरीक्षण
🔳 हाइवे से सटे रातीघाट क्षेत्र में अस्तित्व में आनी है गौशाला
🔳 गौशाला निर्माण से बेसहारा गोवंशीय पशुओं को छत मिलने की जगी थी उम्मीद
🔳 पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने जल्द बजट उपलब्ध कराए जाने की उठाई मांग

[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]]]]

बेतालघाट ब्लॉक के अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे रातीघाट क्षेत्र में प्रस्तावित गौशाला निर्माण की प्रगति थम सी गई है। दो विभागों के संयुक्त निरीक्षण के बाद करीब दस नाली जमीन चिह्नित किए जाने के बावजूद सरकार से बजट उपलब्ध नहीं हो सका है‌। पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों ने जल्द गौशाला को धरातल पर उतारे जाने की मांग उठाई है।

कोसी घाटी में बेसहारा गोवंशीय पशुओं की लगातार बढ़ती संख्या को देख करीब छह महीने पहले क्षेत्र में गोशाला निर्माण की कवायद शुरु हुई। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने जमीन की तलाश तेज की। कड़ी मशक्कत के बाद रातीघाट क्षेत्र में दस नाली जमीन ढूंढ ली गई। राजस्व विभाग ने पशुपालन विभाग की टीम के साथ संयुक्त निरीक्षण कर चिह्नित जमीन को गौशाला निर्माण के लिए उपयुक्त माना। जमीन चयनित होने पर गौशाला निर्माण से सड़कों पर दुर्घटना का सबब बन चुके बेसहारा गोवंशीय पशुओं को छत नसीब होने की उम्मीद को भी पंख लगने लगे पर आवश्यक कार्रवाई पूरी होने तथा जमीन चिह्नित होने के छह महीने बाद भी प्रक्रिया आगे न बढ़ने से पंचायत प्रतिनिधि मायूस हो चुके हैं। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी के अनुसार गौशाला निर्माण जैसे महत्वपूर्ण मामले में अनदेखी समझ से परे है। कहा की यदि समय पर गौशाला के लिए बजट उपलब्ध होगा तो तमाम क्षेत्रों को राहत मिल सकेगी तथा दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लग सकेगा। व्यापारी नेता गजेंद्र सिंह नेगी, विनोद मेहरा, गोविन्द सिंह, मनीष तिवारी आदि ने गौशाला निर्माण को ठोस कदम उठाए जाने की मांग शासन प्रशासन से की है। राजस्व उपनिरीक्षक शकील अहमद के अनुसार आवश्यक कार्रवाई पूरी कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है‌। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।