= बड़ा सवाल दसवे मुख्यमंत्री कितने दिन संभालेंगे कमान
= आलाकमान के इशारे पर तो नहीं लौटना पड़ेगा पवेलियन
= बदलते सीएम के रूप में हो रही प्रदेश की पहचान

( विशेष संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट)))

प्रदेश की उथल पुथल भरी राजनीति में अब दसवें मुख्यमंत्री का प्रवेश होगा। दसवां मुख्यमंत्री कौन होगा यह अभी भविष्य के गर्भ में है। पर कयास लगाए जा रहे है कि अब एक बार फिर दसवां मुख्यमंत्री कुछ महीने के लिए कामकाज संभाल लेगा या फिर हाईकमान से वापस पवेलियन लौटने का इशारा हो जाएगा। पर इतना तय हो गया है कि अब प्रदेश की पहचान बदलते मुख्यमंत्री के रूप में भी हो गई है।
टीएसआर के जाने के बाद अब अगले सीएम के लिए मंथन का दौर चलेगा। सत्ता के गलियारों में एक से बढ़कर एक महारथी सीएम की कुर्सी की दौड़ में शामिल होंगे। टीएसआर के इस्तीफे के बाद खाली हुई मुख्यमंत्री की कुर्सी अब कौन संभालेगा यह भी बहुत जल्दी साफ हो जाएगा पर कई चीजें और साफ हो गई हैं। प्रदेश की पहचान बदलते मुख्यमंत्री के रूप में हो चुकी है। छोटे से राज्य में दसवां मुख्यमंत्री अब कमान संभालेगा। नए मुख्यमंत्री को भी याद रखना होगा कि उसकी उनकी नस भी दिल्ली आलाकमान के पास है राज्य को चलना है तो उन्हें दिल्ली के इशारों पर ही चलना पड़ेगा। प्रदेश में उठे राजनीतिक उथल-पुथल राज्य के भविष्य के लिए भी ठीक नहीं है। राज्य आंदोलनकारी हो या वर्तमान में राज्य के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे लोग इसे बड़ी चिंता करार दे चुके हैं। बस अब यह देखना रोचक होगा कि नए मुख्यमंत्री के पास कमान कितने दिनों तक रहती है।

इंटरनेट पर कसते रहे लोग तंज

पहले टीएसआर के जाने के बाद दूसरे टीएसआर ने भी इस्तीफा दे दिया। ऐसे में इंटरनेट मीडिया पर भी खूब संदेश वायरल हुए। किसी ने उपनल भर्ती के माध्यम से मुख्यमंत्री चुनाव का सुझाव दे डाला तो किसी ने युवाओं की भर्ती से पहले मुख्यमंत्री भर्ती पर चुटकी ली। देर रात तक सोशल मीडिया पर प्रदेश की राजनीति पर तंज कसते बातें वायरल होती रही।

दिल्ली से चलने वाली गाड़ी में स्टेरिंग आलाकमान के हाथ

प्रदेश में कई मजबूत नेता है राज्य आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भागीदारी की। अनुभव भी खूब है। पर उनके हाथ आज तक नेतृत्व नहीं आया कारण भी साफ है दिल्ली से चलने वाली गाड़ी में स्टेरिंग आलाकमान के हाथ है। जिस दिन स्टेरिंग प्रदेश के नेताओं के हाथ आ जाएगा उस दिन निश्चित रूप से हालात बदल जाएंगे और प्रदेश को एक मजबूत पहाड़ सा नेतृत्व मिलेगा।