= वन पंचायत व ग्राम पंचायत की भूमि को भी जद में लेने का आरोप
= बेतालघाट ब्लॉक मुख्यालय में बैठक कर जताई नाराजगी
= तहसीलदार के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजा ज्ञापन

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट क्षेत्र में रिवर ड्रेनिंग के कार्यो से पंचायत प्रतिनिधियों का पारा चढ़ गया है। ग्राम प्रधान संगठन ने ब्लाक मुख्यालय में बैठक कर रिवर ड्रेनिंग के कार्यो में वन पंचायत भूमि के साथ ही ग्राम पंचायत भूमि को चिह्नित किए जाने का आरोप लगाया। जिलाधिकारी को ज्ञापन भेज रिवर ड्रेनिंग के कार्यो को निरस्त कर मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की। चेतावनी दी है की यदि मनमानी की गई तो फिर गांवो के लोगो को साथ लेकर आंदोलन किया जाऐगा। पंचायत प्रतिनिधि सामूहिक इस्तीफा देने को भी विवश होंगे।


सोमवार को बेतालघाट ब्लाक मुख्यालय में ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष मनोज पलडिया की अध्यक्षता में बैठक हुई। वक्ताओं ने कोसी व शिप्रा नदी में मनमाने ढंग से रिवर ड्रेनिंग के कार्यों को स्वीकृति दिए जाने पर रोष जताया। कहा कि बगैर ग्राम पंचायत व वन पंचायतों की अनुमति के रिवर ड्रेनिंग कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं। भारी भरकम वाहनो से क्षेत्र के रास्ते बदहाल हो चुके हैं। आए दिन वाहनों को नुकसान हो रहा है बावजूद कोई सुध नहीं ली जा रही महज रिवर ड्रेनिंग के कार्य कराए जा रहे हैं कई बार मांग उठाई जाने के बावजूद जिला खनन न्यास समिति से भी गांव की सड़कों व अन्य कार्यों के लिए बजट स्वीकृत नहीं हुआ है। लगातार उपेक्षा की जा रही है प्रभावशाली लोगों को लाभ दिलाने के लिए नदी क्षेत्र में कार्य किए जा रहे हैं। सर्वसम्मति से तय हुआ कि ग्राम पंचायतों की उपेक्षा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी बाद में तहसीलदार बेतालघाट के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भी भेजा गया। दो टूक चेतावनी दी गई है कि यदि मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो फिर ग्राम प्रधान सामूहिक इस्तीफा देने के साथ ही ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन को विवश होंगे।इस दौरान ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी, उपाध्यक्ष कुंदन नेगी, अर्जुन जलाल, रोहित तिवारी, कन्नू गोस्वामी, मदन दरमाल, तरुण शर्मा आदि मौजूद रहे।