= रानीखेत की जैवविविधता से रूबरू हुए प्रशिक्षु वनाधिकारी
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
केंद्रीय राज्य वन सेवा अकादमी देहरादून से प्रादेशिक वन सेवा का प्रशिक्षण ले रहे विभिन्न राज्यों के 33 सदस्यीय प्रशिक्षु अधिकारियों का दल शैक्षिणक भ्रमण पर कलिका वन अनुसंधान केंद्र पहुंचा। विदेशी चीड़ प्रजातियों वाले उत्तराखंड के परिक्षेत्र का दौरा कर हीलिंग सेंटर का अध्ययन किया। साथ ही भूमि संरक्षण विभाग की ओर से वनाग्नि नियंत्रण व प्रबंधन को किए जा रहे प्रयासों को करीब से देखा।
डीएफओ महातिम सिंह यादव व वन क्षेत्राधिकारियों से विचार साझा कर हिमालयी राज्य के जंगलात, जैवविविधता व मिश्रित वनों के क्षेत्रफल आदि की गहन जानकारी भी जुटाई। देहरादून से फैकल्टी के रूप में वर्ष 2014 की आईएफएस केएम अर्चना के निर्देशन में 35वें इंडक्शन कोर्स बैच के प्रशिक्षु अधिकारी कुमाऊं के वन तथा जैवविविधता के लिए प्रसिद्ध रानीखेत पहुंचे। इनमें उत्तर प्रदेश के 18, पश्चिम बंगाल से आठ, मेघालय चार, नागालैंड दो व एक अधिकारी महाराष्ट्र के शामिल हैं। इनमें आठ महिला आईएफएस हैं। प्रशिक्षु अधिकारियों ने डीएफओ महातिम सिंह यादव के साथ गोल्फ कोर्स के पास तैयार वन क्षेत्र व माडल पौधारोपण परिक्षेत्र चिलियानौला का दौरा किया। भूमि संरक्षण विभाग की ओर से वनाग्नि प्रबंधन की बारीकियां जानी। इस दौरान एसडीओ गणेश चंद्र त्रिपाठी, वन क्षेत्राधिकारी हरीश टम्टा नितिन पंत बलवंत भंडारी आदि मौजूद रहे।