🔳उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश होने पर एकाएक बढ़ जाता है जलस्तर
🔳कोसी व शिप्रा नदी तथा रामगाढ़ व ढोकाने वाटर फॉल में बड़ी घटना का अंदेशा
🔳नशे की हालत में भी नदियों व वाटर फॉल में नहाने उतर रहे कई लोग
🔳व्यापारी व पंचायत प्रतिनिधियों ने उठाई सख्ती से रोक लगाने की मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बरसात में नदियों का वेग बढ़ने के बावजूद लोग जान-जोखिम में डाल नहाने उतर जा रहे हैं। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल ने बरसात के मौसम में कोसी व शिप्रा नदी तथा अन्य क्षेत्रों में स्थित झरनों पर नहाने पर सख्ती से रोक लगाई जाने की मांग उठाई है। अंदेशा जताया है की नदियों का जलस्तर एकाएक बढ़ने से कभी भी बड़ी घटना सामने आ सकती है।
बरसात के मौसम में उच्च पर्वतीय इलाकों में बारिश होने पर कोसी व शिप्रा नदी का बहाव एकाएक बढ़ जाता है। नदी के वेग तेज होने का अहसास बाढ़ के बेहद करीब आने के बाद होता है। इन दिनों में भी कोसी व शिप्रा नदी तथा समीपवर्ती रामगाढ़ तथा ढोकाने वाटर फॉल में लोग जान जोखिम में डाल नहाने उतर जा रहे हैं। छोटे छोटे बच्चों को भी खतरा उठाकर नदियों के बीचोंबीच तक ले जाया जा रहा है। कई लोग नशे की हालत में भी नदी क्षेत्रों में पहुंचकर मौज मस्ती पर आमादा है जिस कारण अनहोनी का अंदेशा बढ़ता ही जा रहा है। पूर्व में भी नदियों में डूबकर कई लोग जान गंवा चुके हैं बावजूद अनदेखी की जा रही है। बरसात में खतरा दोगुना बढ़ चुका है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह जीना, प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष मनीष तिवारी, विनोद मेहरा, कैलाश पिनारी, अनिल बुधलाकोटी, दीपक सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह, सुनील मेहरा, आंनद सिंह आदि ने प्रशासन से मामले में कार्रवाई कर दोनों नदियों व वाटर फॉल पर आवाजाही प्रतिबंधित करने की पुरजोर मांग उठाई है। अंदेशा जताया है की यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कभी भी बड़ी अनहोनी सामने आ सकती है।