🔳छह महीने से भी अधिक समय से मरीज हो रहे परेशान
🔳सुविधा का लाभ न मिलने पर व्यापारियों ने जताई नाराजगी
🔳108 सेवा प्रबंधन पर लगाया क्षेत्र की उपेक्षा किए जाने का आरोप
🔳जल्द व्यवस्था दुरुस्त न किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे है। कहीं चिकित्सक तो कहीं सुविधाओं का टोटा है तो कहीं जिम्मेदारों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। सीएचसी सुयालबाड़ी की आपातकालीन 108 सेवा करीब 17 किलोमीटर दूर से मरीजों का इंतजार कर रही है। 17 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ही सीएचसी के मरीजों को सेवा का लाभ मिल पाता है। चिकित्सा प्रभारी डा. सत्यवीर सिंह के अनुसार 108 प्रबंधन को अस्पताल में ही वाहन तैनात कराने को कहा गया है।
पर्वतीय क्षेत्रों के बाशिंदे स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है। गांव में स्थित अस्पतालो में चिकित्सकों का भारी अभाव है। सुविधाओं के भी लाले पड़ चुके हैं। मजबूरी में लोग दूर दराज रुख करने को मजबूर हो चुके हैं। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुयालबाड़ी में आसपास के सैकड़ों गांवों कि लोग निर्भर है। सुविधा के लिए आपातकालीन 108 सेवा की तैनाती की गई पर पिछले छह महीने से भी अधिक समय से लोगों को आपातकालीन सेवा का लाभ नहीं मिल रहा। मजबूरी में टैक्सी वाहन बुक करा मरीजों को हायर सेंटर ले जाया जा रहा है। अस्पताल में तैनात 108 सेवा करीब 17 किलोमीटर दूर गरमपानी क्षेत्र में खड़ी रहती है जरुरत पड़ने पर वाहन 17 किमी की दूरी तय करने के बाद सुयालबाड़ी पहुंचता है। ऐसे में मरीजों की जिंदगी पर खतरा बढ़ने की संभावना रहती है। व्यापारी नेता कुबेर सिंह जीना ने व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए है। आरोप लगाए है कि जब सेवा सुयालबाड़ी के लिए है तो 17 किलोमीटर दूर वाहन का खड़ा होना समझ से परे है। गंभीर परिस्थितियों में मरीज की जान पर भी संकट खड़ा हो सकता है। स्थानीय व्यापारियों ने भी 108 वाहन को सीएचसी सुयालबाड़ी में तैनात किए जाने की मांग उठाई है। चिकित्सा प्रभारी डा. सत्यवीर सिंह के अनुसार 108 प्रबंधन को भी वाहन को सीएचसी परिसर में उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। फिलहाल छह महीने से भी अधिक समय से वाहन उपलब्ध नहीं है।