🔳सिंचाई का पानी न मिलने से बंजर होने लगे उपजाऊ खेत
🔳छह महत्वपूर्ण नहरों को नहीं किया जा सका दुरुस्त
🔳11 नहरों में अस्थाई व्यवस्था के तहत चलाया जा रहा पानी
🔳सिंचाई का पानी उपलब्ध न होने से खेतीबाड़ी होती जा रही प्रभावित
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में सिंचाई नहरों की मरम्मत के इंतजार में धरतीपुत्रों की आंखें पथरा गई है। सिंचाई व्यवस्था ठप होने से खेत बंजर हो चुके हैं। छह सिंचाई नहरों के पूर्णतः ठप होने से विभिन्न गांवों के तीन हजार से ज्यादा कास्तकारों की खेतीबाड़ी प्रभावित हो चुकी है। किसानों ने तत्काल नहरों को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।
गांव में खेतीबड़ी ही आय का एकमात्र साधन है पर लगातार खेती-बाड़ी पर संकट मंडराता जा रहा है। एक ओर जंगली जानवर खेतों को तबाह कर दे रहे हैं तो वहीं सिंचाई नहरों के तीन वर्षो से भी अधिक समय से बदहाल होने से खेत पानी के इंतजार में सूख चुके हैं। खेत बंजर होते जा रहे हैं। पांच दर्जन से भी अधिक गांवों को सिंचाई का पानी पहुंचाने को बनाई गई महत्वपूर्ण मझेडा़, पाडली, अपर व लोअर लेफ्ट, बिसगुली, घोड़ियां हल्सों नहर तीन वर्ष पूर्व आपदा से क्षतिग्रस्त हो चुकी है बावजूद अब तक नहरों को दुरुस्त नहीं किया जा सका है जिस कारण लगातार किसनों की खेती प्रभावित होती जा रही है। किसान आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। महत्वपूर्ण छह नहरों से पानी न मिलने से लगभग तीन हजार से भी ज्यादा काश्तकार प्रभावित है। प्रगतिशील किसान बिशन जंतवाल ,कृपाल सिंह मेहरा, दयाल सिंह, ग्राम प्रधान शेखर दानी, हीरा सिंह आदि ने तीन वर्ष से भी अधिक समय से सिंचाई नहरों के बदहाल होने पर नाराजगी जताई है। ब्लॉक के अन्य गांवों की 11 नहरो को भी आपदा में नुकसान पहुंचा है पर सिंचाई विभाग ने अस्थाई रूप से नहरे में पानी सुचारु किया है। सिंचाई विभाग के अपर सहायक अभियंता नीरज तिवारी के अनुसार पांच नहरों को दुरुस्त करने के लिए 4.89 करोड रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। मरम्मत का कार्य शुरू भी हो चुका अन्य नहरों की वित्तीय स्वीकृति का इंतजार है। अपर सहायक अभियंता नीरज तिवारी ने दावा किया है की जल्द सिंचाई नहरों की मरम्मत कर पानी की आपूर्ति शुरू की जा सकेगी।