= जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी, श्रद्धालुओं में नाराजगी
= खैरना से कैंची धाम तक टैक्सी वाहन चालकों ने खुलेआम करी लूट
= 10 किलोमीटर के प्रति व्यक्ति पचास रुपये किराया वसूलने पर उठे सवाल
= एआरटीओ का गोलमोल जवाब – कितना किराया तय किया जानकारी नहीं
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
सुप्रसिद्ध कैची धाम में 15 जून को लगे मेले में कई लोगों ने निशुल्क सेवाएं दी। प्रशासनिक व पुलिसकर्मी दिन भर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे रहे पर इसके उलट टैक्सी वाहन चालकों ने आस्था के नाम पर खुलकर लूट मचाई। खैरना से कैंची धाम तक खुलेआम प्रति व्यक्ति 50 रुपये किराया वसूला। कई श्रद्धालुओं ने नाराजगी भी दिखाई पर मजबूरी में बाबा के दर पर पहुंचने के लिए मनमाना किराया दिया।
कैंची धाम में 15 जून को यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए खैरना से ही शटल सेवा का संचालन किया गया। टैक्सी वाहनों के जरिए श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक पहुंचाया जाना था जिसके लिए पूर्व में किराया भी निर्धारित किया गया पर टैक्सी वाहन चालकों ने खुलेआम 10 किलोमीटर के 50 रुपये प्रति श्रद्धालु किराया वसूला जिससे कई श्रद्धालुओं ने नाराजगी भी जताई पर टैक्सी संचालकों की मनमानी से मजबूरी में किराया देना पड़ा। कई श्रद्धालुओं ने मनमाने ढंग से किराया वसूले जाने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आरोप लगाया कि आस्था के नाम पर लूट मचाई गई। एक ओर पचास रुये प्रति व्यक्ति किराया वसूला गया वहीं मानक से अधिक सवारी भी ढोई गई जिससे बड़ी घटना के सामने आने का भी आशंका थी। मामले को लेकर एआरटीओ रश्मि भट्ट ने भी गोलमोल जवाब दिया पहले किराया तय होने की सही जानकारी ना होने की बात कही पर बाद में फोन ही रिसीव नहीं किया।