= मंदिर परिसर में किया हनुमान चालीसा का पाठ
= कैंची धाम में मिलती है अलग सी अनुभूति
= बोले – शांति का संदेश लेकर जाऐंगे वापस
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
देश-विदेश में बाबा नीम करौली के लाखों अनुयाई हैं। बाबा के आशीर्वाद से अनुयायियों की दुनिया ही बदल चुकी है। 15 जून को स्थापना दिवस पर देश विदेशी से अनुयाई पहुंचते हैं। अमेरिका से पहुंचे एलेक्स, निकि तथा डॉन ने दिनभर कार सेवा की। हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। मेले में व्यवस्था संभालने में सहयोग करने वाली तीनों विदेशी भक्त कार सेवा कर खुश दिखे।
अमेरिका के शिकागो से पहुंचे एलेक्स इस वर्ष पहली बार कैंची धाम पहुंचे। पेशे से काउंसलर एलेक्स बताते हैं कि कैंची धाम पहुंचकर अलग ही अनुभूति हासिल हुई है। फ्लोरिडा से पहुंची निकि पेशे से शिक्षक है बताती हैं कि उन्हें अमेरिका में धर्मगुरुओं से बाबा नीम करोली के बारे में पता चला तो वह कैसी धाम दौड़ी चली आई। यहां पहुंच कर बहुत खुशी मिली। निकी के अनुसार वह अधिक से अधिक लोगों को बाबा के बारे में बताऐंगी।
अमेरिका के क्लोराडो से पहुंचे डॉन बाबा के विषय अनुयाई हैं। बताते हैं कि वह चौथी बार कैंची धाम पहुंच रहे हैं। सिद्धि माई ने उन्हें रामजी नाम दिया है अब वह अपने देश में रामजी के नाम से ही जाने जाते हैं। विदेशी श्रद्धालुओं को कैंची धाम में हनुमान चालीसा का पाठ करता देख हर कोई हैरत में रहा
तमाम क्षेत्रों में रहा त्यौहार जैसा माहौल
15 जून को कैंची धाम समेत आसपास के क्षेत्रों में त्यौहार जैसा माहौल रहा। गरमपानी खैरना क्षेत्र में कई श्रद्धालुओं ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर कैची धाम में कारसेवा की वही खैरना से कई वाहन चालकों ने निशुल्क श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक पहुंचाया। कैंची धाम क्षेत्र में विभिन्न सेवा समितियों से जुडे़ सदस्यों ने निशुल्क पानी की बोतल वितरण के साथ ही लस्सी व जलजीरा के निशुल्क स्टाल लगा सेवा की।
व्यापारियों के चेहरे पर भी दिखी रौनक
कैंची धाम में लगे मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने व खूब खरीदारी करने से व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे। बीते दो वर्ष कोरोना संकट के कारण मैला नही लगा।दिल्ली, आगरा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि से पहुंचने वाले व्यापारियों का कारोबार भी प्रभावित रहा पर इस वर्ष मेला लगने व श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से कारोबार अच्छा रहा व्यापारियों के चेहरे पर रौनक दिखी।
कई गांवों से पैदल ही कैंची धाम पहुंचे श्रद्धालु
सुप्रसिद्ध कैंची धाम में सुबह से शाम तक श्रद्धालु श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दूरदराज के गांवों से कई श्रद्धालु पैदल ही कैंची धाम पहुंचे। बच्चों को कंधे में रख बाबा के जयकारों के साथ श्रद्धालु पैदल चलते रहे। भक्ति के आगे चिलचिलाती धूप में भी हार मानी।