= कैंची धाम में रहने वाली चंपा तिवारी ने आंखों देखी बाबा की कई लीलाएं
= कैंची धाम में सभी प्रतिष्ठान मारुति के नाम से है संचालित
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
बाबा नीम करौली के देश विदेश में श्रद्धालु हैं वही कैंची धाम क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने साक्षात बाबा की तमाम लीलाएं देखी। क्षेत्र में रहने वाली चंपा तिवारी बाबा की तमाम लीलाएं बताती हैं चंपा तिवारी के बड़े बेटे का नाम भी बाबा ने मारुति रखा आज मारुति के नाम से ही उनके प्रतिष्ठान संचालित हैं। उनके छोटे व मझले बेटे प्रतिष्ठान चलाते हैं चंपा तिवारी बताती हैं कि 1965 में बाबा कैंची धाम पहुंचे तो बड़ी सादगी के साथ उन्हें पास बुलाकर बकायदा उनकी बेटी को गोद में संभाला एक बार उनकी ननद माधवी देवी की तबीयत काफी खराब हुई तो ससुर जयदेव तिवारी बाबा के पास पहुंचे। बाबा ने सब कुछ ठीक होने का भरोसा दिलाया तथा कुछ पैसे देने के बाद दवा लेने के लिए भी कहा पर ससुर ने कहा कि बाबा आप पर ही सब कुछ है आपके आशीर्वाद से सब कुछ ठीक हो जाएगा। तब बाबा ने दवाओं के सारे पैसे आग में डाल दिए कहा कि पैसे से कुछ होने वाला नहीं है। पास बैठे सभी लोग दंग रह गए। तभी बाबा ने चिमटे से जल चुके पैसों को वापस सही सलामत वापस निकाल लिया। बाबा की लीला देख कर कोई हतप्रभ रह गया। चंपा तिवारी बताती हैं कि जब उन्हें बेटा पैदा हुआ तब 2:30 बजे रात ही बाबा ने उसका नाम मारुती रख दिया।आज उनके सभी प्रतिष्ठान मारुति के नाम से संचालित हैं पूरे क्षेत्र में बाबा की कृपा है।
रामरानी को याद कर रो पड़ी चंपा
अमेरिका के टाऊस न्यू मैक्सिको की रहने वाली इवेंट रौसेर भी बाबा की भक्त थी। बाबा के 1965 में कैंची धाम पहुंचने पर अमेरिका से पहुंची उनकी भक्ति इवैट रौसेर का नाम भी बाबा ने रामरानी रखा। बीते दिसंबर 2021 में उनका निधन हो गया अंतिम इच्छा के अनुसार जागेश्वर में उनका अंतिम संस्कार हुआ। चंपा तिवारी बताती हैं कि राम रानी बाबा की अनन्य भक्तों में से एक थी। कैंची धाम में हर घर के सदस्यों की प्रिय थी आज उसका ना होना भी बहुत खल रहा है।