= आठ महीने बाद भी कई स्थानों से नहीं हटाया जा सका मलबे का ढेर
= वन वे व्यवस्था से चल रहा यातायात
= बदहाल हाईवे से वाहनों में आ रही तकनीकी खराबी
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
एनएच प्रशासन के नकारे पन की हकीकत हाईवे की दशा बयां कर रही है खामियाजा हाईवे पर आवाजाही करने वाले यात्रियों को उठाना पड़ रहा है आपदा को आठ माह बीत जाने के बावजूद अभी भी कई स्थानों पर वनवे ही आवाजाही हो रही। बावजूद मलबा हटाने के महज दावे किए जा रहे है। एनएच की लापरवाही से लोगो में नाराजगी है।
कुमाऊं की लाईफ लाइन बदहाली से कराह रही है। पहाड़ के तमाम महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलो को जोड़ने वाले हाईवे पर जगह जगह जमा मलबा मुसीबत बन चुका है। आलम यह है की तमाम स्थानो पर वनवे आवाजाही हो रही है जिस कारण जाम बडी़ समस्या बन चुका है। आपदा को आठ महिने बीत जाने के बावजूद हाईवे की स्थित नाजुक बनी हुई है। हाईवे पर दोपांखी, लोहाली, भोर्या बैंड़, चमडिया, नावली आदि तमाम स्थानो पर हाईवे संकरा हो चुका है। लोहाली पर हालात विकट है। व्यापारी नेता गजेन्द्र नेगी, कुबेर सिंह जीना, विरेन्द्र बिष्ट, पूरन सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह, मदन सुयाल आदि ने हाईवे की बदहाली पर नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है की आपदा को आठ महिने बीत गए पर आज तक हाईवे की हालात में सुधार नही किया जा सका है। क्षेत्रवासियों ने व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई है।संबंधित विभाग के अवर अभियंता केएस बोरा के अनुसार मलबा हटाने का कार्य गतिमान है। अतिरिक्त लोडर मशीने भी लगाई जाऐंगी।