= स्वजनो के नाराजगी जताने के बाद बमुश्किल भेजा गया हायर सेंटर
= क्षेत्रवासियों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर जताई गहरी नाराजगी
= व्यवस्थाओं में सुधार ना होने पर होगी आंदोलन की शुरुआत

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी के हालात भी अजब गजब है। समीपवर्ती छड़ा गांव से उपचार के लिए लाए गए बुजुर्ग को छह घंटे एंबुलेंस सेवा के लिए जूझना पड़ा। स्वजनो के हंगामा करने के बाद बमुश्किल परिसर में खड़ी एंबुलेंस से मरीज को हायर सेंटर हल्द्वानी भेजा जा सका। क्षेत्रवासियों ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर रोष जताया। मामले पर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई। चेताया कि यही हालात रहे तो अस्पताल में व्यवस्थाओं में सुधार को आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
सोमवार शाम छड़ा गांव निवासी पूरन सिंह बिष्ट को उल्टी दस्त की शिकायत पर उपचार के लिए सीएचसी गरमपानी लाया गया। चिकित्सकों ने उपचार कर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। साथ आए स्वजनो ने आपातकालीन 108 सेवा पर फोन लगाया पर देहरादून मुख्यालय से करीब चार घंटे बाद वाहन उपलब्ध होने की जानकारी दी गई। स्वजनो ने अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस सेवा से मरीज को हल्द्वानी ले जाने की बात कही पर अस्पताल प्रबंधन टालमटोल करते रहा। कई घंटे इंतजार करने के बाद आखिरकार स्वजनो का सब्र जवाब दे गया। क्षेत्रवासियों ने चिकित्सा प्रभारी डा. सतीश पंत को खरी-खोटी सुनाई। हरकत में आए अस्पताल प्रबंधन ने वाहन परिसर में खड़े एंबुलेंस से ही मरीज को भेजने का आश्वासन दिया साथ आए स्वजनो व क्षेत्र के लोगो ने एंबुलेंस में भरी दवाईयों की बेटियों को भी उतारा तब जाकर बमुश्किल मरीज को हायर सेंटर भेजा जा सका। क्षेत्रवासियों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि एंबुलेंस होने के बावजूद मरीज को कई घंटे इंतजार करना पड़ा आरोप लगाए कि पूर्व में इसी लापरवाही के चलते स्थानीय युवक जान तक गंवा चुका है। एंबुलेंस सेवा होने के बावजूद युवक को निजी वाहन से हायर सेंटर रेफर किया गया।अव्यवस्था के कारण उसकी रास्ते में मौत हो गई। क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी कि यदि व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो फिर आंदोलन की शुरुआत की जाएगी इस दौरान हीरा सिंह बिष्ट, गणेश सिंह, संजय बिष्ट, विरेन्द्र सिंह, नंदन सिंह, गोधन सिंह, सुरेश बिष्ट, दिनेश सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे। इधर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सतीश पंत के अनुसार 108 सेवा न होने से परेशानी हुई। बाद में अस्पताल की एंबुलेंस से ही मरीज को हायर सेंटर हल्द्वानी भेजा गया।