= नुकसान का उचित मुआवजा न मिलने पर जताई नाराजगी
=सिंचाई नहरों की बदहाली पर भी चढ़ा पारा
= संगठन के प्रदेश सचिव ने उपेक्षा पर किया पंचायत प्रतिनिधियों को साथ लेकर आंदोलन का ऐलान

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

किसानों को आपदा में हुए नुकसान का उचित मुआवजा न मिलने तथा सिंचाई नहरों के अब भी बदहाल पड़े होने से पंचायत प्रतिनिधि मुखर हो गए हैं। ग्राम पंचायत संगठन के प्रदेश सचिव ने जल्द सिंचाई नहरों को दुरुस्त करने तथा किसानों को क्षति का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेताया है कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर पंचायत प्रतिनिधियों को साथ लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।
बेतालघाट ब्लॉक के किसानों को बीते अक्टूबर में हुई आई आपदा में हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिल सका है। लाखों के हुए नुकसान की एवज में महज हजार एक से दो हजार रुपये तक मुआवजा दे इतिश्री की जा रही है वहीं किसान दोबारा खेतों को दुरुस्त कर उपज की पैदावार की तैयारी कर रहे हैं पर सिंचाई नहरे आज भी खस्ताहाल पड़ी है। आपदा को बीते कई महीने हो चुके है बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी ने मामले में कड़ी नाराजगी जताई है। प्रदेश सचिव शेखर दानी के अनुसार किसानों को क्षति का उचित मुआवजा ना देकर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। वहीं सिंचाई नहरे आज भी बद से बदतर हालत में है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। गेहूं के बाद अब खरीफ की फसल भी बर्बाद होने के कगार पर है। किसान भी पंचायत प्रतिनिधियों से आए दिन व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठा रहे हैं। सरकारी उपेक्षा के कारण पंचायत प्रतिनिधि भी जवाब देने में असमर्थ हैं। प्रदेश सचिव ने चेतावनी दी है कि यदि यही हालात रहे तो फिर पंचायत प्रतिनिधियों को एकजुट कर आंदोलन शुरू किया। किसानों का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं होगा।