= शुरुआत में ही जवाब देने लगा डामरीकरण
= 9 किमी में होना है डामरीकरण 400 मीटर में ही उखड़ने लगी परते
= एई बोले – जल्द किया जाएगा निरीक्षण
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
ग्रामीण सड़कें सरकारी बजट को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। सुदूर क्षेत्रों में डामरीकरण के नाम पर गुणवत्ता विहीन कार्य किए जा रहे हैं जिससे ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ओखलढुंगा बेतालघाट मोटर मार्ग पर एक करोड़ की लागत से किए जा रहा डामरीकरण शुरुआत में ही उखड़ने लगा है ग्रामीणों ने मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग उठाई है। सहायक अभियंता ने मामले की जांच कर कार्रवाई का दावा किया है।
सरकार गांवो की सड़को को चाक चौबंद करने के लिए लाखो रुपये खर्च कर रही है पर सूदूर गांवो में किया जा रहा डामरीकरण शुरुवात में ही दम तोड़ने लगा है। बेतालघाट ओखलढूंगा मोटर मार्ग में एक करोड़ रुपये की भारीभरकम धनराशि से नौ किमी दायरे में डामरीकरण किया जाना है। ग्रामीणों का आरोप है की लंबे समय बाद मोटर मार्ग को दुरुस्त करने के लिए बजट स्वीकृत हुआ है पर शुरुवात में ही डामरीकरण दम तोड़ने लगा है। कई बार कहने के बावजूद गुणवत्तायुक्त डामरीकरण नही किया जा रहा है। महज बजट खपाने को कार्य किया जा रहा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य ओखलढूंगा नंदन सिंह, गजेन्द्र सिंह, राजेंद्र सिंह, ललित तिवारी, दान सिंह, नंदन सिंह भंडारी, राजेंद्र जोशी, नरेन्द्र चौधरी आदि ने मोटर मार्ग पर गुणवत्तायुक्त डामरीकरण की मांग उठाई है। चेताया है की यदि बजट की बर्बादी की गई तो आंदोलन शुरु किया जाऐगा। इधर पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता आरके यादव के अनुसार जल्द निरीक्षण किया जाऐगा। गुणवत्ता से कतई समझौता नही किया जाऐगा।