= निचली अदालतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का मामला
= आदेश का पालन नहीं करने पर कोर्ट सख्त

(((नैनीताल से तनुजा बिष्ट की रिपोर्ट)))

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने निचली अदालतों में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के बार बार आदेश देने के बाद भी सीसीटीवी कैमरे नही लगाए जाने के मामले पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद न्यायमुर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने प्रिंसिपल सैकेट्री होम को 16 मार्च को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर यह बताने को कहा है कि हाई कोर्ट के बार बार कहने के बाद भी अभी तक इस पर अमल क्यों नही हुआ। मामले की सुनवाई 16 मार्च की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार देहरादुन। निवासी प्रद्युम्न बिष्ठ ने याचिका दायर कर कहा था कि वे निचली अदालत में अपने केस की पैरवी स्वयं कर रहे है । लेकिन विपक्षी के पिता उस न्यायलय में वकालत करते है और इस केस की भी पैरवी वे स्वयं करते है। यह मामला दहेज से जुड़ा हुआ है। ट्रायल के दौरान कई बार वे अंदर जाकर बयानों को बदलवा देते है। इसलिए उनके बयान सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में दर्ज कराए जाएं। 2014 में उच्च न्यायलय ने उनकी इस याचिका को निरस्त करते हुए कहा कि अभी इस सम्बन्ध में कोई कानून बना नही है। इस आदेश को याचिकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में उनकी याचिका को जनहित याचिका में तब्दील किया। सभी उच्च न्यायालयों से रिपोर्ट मांगी की क्या निचली अदालतों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते है या नही कई उच्च न्यायलयों ने सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की संस्तुति दी। 15 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यो को निर्देश दिए कि शुरुआती दौर में सभी राज्य अपने वहाँ के दो जिलों के न्यायलयों में सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे लेकिन ऊत्तराखण्ड सरकार ने इसका पालन नही किया। हाई कोर्ट की फूल कोर्ट ने 2017 व 2018 में नैनीताल, देहरादुन हरिद्वार, उधम सिंह नगर के न्यायलयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का सरकार को प्रस्ताव भेजा। 24 जून 2021 को मुख्य न्यायधीश ने प्रस्ताव को लेकर सरकार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चीफ सैकेट्री से बात की । जिस पर चीफ सैक्टरी द्वारा मुख्य न्यायधीश को अवगत कराया कि अभी ये मामला कैबिनेट में रखा हुआ है। 23 जुलाई 2021 को मुख्य न्यायधीश ने फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रिंसिपल सैक्टरी गृह से बात की सैक्टरी द्वारा उनको आस्वाशन दिया गया कि दो जिलों के न्यायलयों में सीसीटीवी शीघ्र लगाए जाने का प्रस्ताव सरकार ने पास कर दिया है। 2 अगस्त 2021 को हाईकोर्ट ने दो जिलों के न्यायलयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने हेतु 4 करोड़ 98 लाख का बजट सरकार को भेजा। जो अभी तक पास नही हुआ न ही सीसीटीवी कैमरे लगे। कोर्ट के बार बार सरकार को प्रस्ताव भेजने के बाद सरकार इस पर अमल नही कर रही है इसलिए 16 मार्च को प्रिंसिपल सैक्टरी गृह कारण सहित कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हों।