water-problem

ग्रामीणों का पारा चढ़ा तो हरकत में आया था विभाग
कुछ दिन पेयजल आपूर्ति हुई अब फिर ग्रामीण परेशान
संबंधित विभाग पर उपेक्षा का आरोप
आंदोलन की दी चेतावनी

गरमपानी डेस्क : सुदूर गांवों में पेयजल व्यवस्था बिगड़ने के बाद अब सड़क किनारे स्थित गांवो में भी हालात ठिक नही है। हलक तर करने दो किलोमीटर दूरी नापनी पड़ रही है।कुछ दिन व्यवस्था ठिक रहने के बाद हालात फिर बिगड़ जा रहे है।
अल्मोड़ा भवाली राजमार्ग से सटे गंगोरी गांव के तीस परिवारों को पेयजल आपूर्ति को वर्षो पहले कासिमगाढ़ पेयजल योजना तैयार की गई। ग्रामीणों के अनुसार कुछ समय पेयजल की आपूर्ति होने के बाद अब पेयजल व्यवस्था पटरी से उतर गई है। बीते दिनो आवाज उठाए जाने के बावजूद कुछ दिन पेयजल आपूर्ति सुचारु होने के बाद अब एकबार फिर व्यवस्था पटरी से उतर गई है। ग्रामीणों को मनर्सा स्थित प्राकृतिक जल स्रोत तथा आसपास से पानी ढोना मजबूरी बन चुका है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के बावजूद ग्रामीण जान जोखिम में डाल हलक तर करने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं यही नहीं मुंबई से गांव पहुंचे प्रवासी भी रोजाना सिर पर पानी ढोकर गांव तक ले जा रहे हैं तब जाकर परिजनों की प्यास बुझाई जा रही है। ग्रामीणों ने गांव की उपेक्षा किए जाने का भी आरोप लगाया। स्थानीय सरिता देवी, पूजा आर्या, भावना देवी, राधा देवी, जयेश कुमार आदि ने जल संस्थान से गांव में पेयजल आपूर्ति दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगा।