◾ कर्मियों व श्रमिकों ने निदेशक को भेजा पत्र
◾ मनोयोग से कार्य करने के बावजूद उपेक्षा का लगाया आरोप
◾ बागानों व नर्सरियों में कार्यरत कर्मियों व श्रमिकों को ईपीएफ दिए जाने की उठाई मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

चाय बागान घोड़ाखाल के दैनिक कर्मियों व श्रमिकों ने चाय विकास बोर्ड के निदेशक को पत्र भेजकर ईपीएफ का लाभ दिलाए जाने की मांग की है। आरोप लगाया है की कुछ चुनिंदा श्रमिकों को ही ईपीएफ का लाभ मिल रहा है जबकि तमाम अन्य को लाभ से वंचित कर दिया गया है की बार मांग उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही।
उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के तहत घोड़ाखाल चाय बागान के कर्मियों व श्रमिकों के ईपीएफ का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। चाय बोर्ड की नर्सरी व बागानो में कार्यरत श्रमिकों ने उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के निदेशक को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भेजकर कहा है कि तमाम श्रमिकों व कार्मिकों को ईपीएफ लाभ नहीं मिल पा रहा है जबकि कुछ चुनिंदा श्रमिकों व कार्मिकों को ईपीएफ दिया जा रहा है। पिछले दस वर्षों से भी अधिक समय से कर्मी व श्रमिक पूरे मनोयोग से चाय बोर्ड के हित में कार्य कर रहे हैं बावजूद अनदेखी की जा रही है। श्रमिकों व कार्मिकों ने निदेशक से श्रम आयुक्त को निर्देशित कर दैनिक कर्मियों व श्रमिकों को पीएफ का लाभ दिए जाने की मांग की है। ज्ञापन में कमलेश उप्रेती, नरेंद्र सिंह, गणेश कांडपाल, गजेंद्र जोशी, लक्ष्मी देवी, नंदी देवी, विमला बिष्ट, गीता देवी, रीना देवी, जगदीश दानी, मनोज सती, इंदर सास, चंदन तिवारी, कैलाश चंद्र, बालम सिंह, हरेंद्र सिंह आदि के हस्ताक्षर हैं।