◾ग्रामीण सड़कें बनी बजट ठिकाने लगाने का जरिया
◾ ग्रामीणों ने विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप
◾ मामले की जांच कर कार्यवाही किए जाने की उठाई मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

ग्रामीण सड़के बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। पुनर्निर्माण की आड़ में बजट की खूब बाजीगरी की जा रही है। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले भुजान रिची मोटर मार्ग पर लाखों रुपये की लागत से किया गया पेचवर्क कुछ ही दिनों में जवाब दे गया है जिससे ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने मामले पर कार्रवाई किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि ऐसे ही सरकारी धन की बर्बादी की गई तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
ग्रामीण सड़क पर बजट की बर्बादी किए जाने का मामला सामने आया है। लगभग दस लाख रुपये की लागत से कुछ दिन पहले ही भुजान रिची मोटर मार्ग पर पेचवर्क का कार्य किया गया तब भी ग्रामीणों ने गड्ढों में मानक से उलट पत्थर बिछाए जाने का आरोप लगाया पर विभागीय अधिकारियों के कानों तक जूं तक नहीं रेंगी। अब पेचवर्क के कार्य को अभी कुछ ही दिन बीते थे कि जगह जगह गड्ढों में किया गया डामर उखड़ने लगा है। नाराज ग्रामीणों ने इसे सरकारी धन की बर्बादी करार दिया है कहा कि अभी कार्य को सप्ताह भर भी नहीं बीता था कि डामरीकरण जवाब देने लगा है। स्थानीय सुनील मेहरा, कृपाल सिंह फर्त्याल, आनंद सिंह, डूंगर सिंह, सुंदर सिंह, देवेंद्र सिंह, पूरन सिंह आदि ग्रामीणों ने कार्यों को गुणवत्ताविहीन करार दे विभागीय लापरवाही भी बताया है। आरोप लगाया की पूर्व में आवाज उठाए जाने के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया जिस कारण अब पेचवर्क में भरा गया डामर भी उखड़ने लगा है‌ ग्रामीणों ने मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग उठाई है दो टूक चेतावनी दी है कि यदि लापरवाही की गई तो फिर संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। इधर संबंधित विभाग के अवर अभियंता पूनम बिष्ट ने बताया की बारिश के कारण पैचवर्क का डामर उखड़ा है। दोबारा दुरुस्त कराया जाएगा।