◾बाजार के ठिक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी से मंडरा रहा खतरा
◾ दो वर्ष पूर्व नदी का उफान मचा चुका है तबाही
◾ बजट स्वीकृत होने के बाद भी शुरु नहीं हो सके हैं बाढ़ सुरक्षा कार्य
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

लगातार हो रही बारिश से गरमपानी – खैरना बाजार क्षेत्र के वासिदों की धड़कनें भी बड़ जा रही है। बाजार क्षेत्र ठिक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी में बाढ़ सुरक्षा कार्य के लिए छह करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत होने के बावजूद कार्य की नींव तक न रखें जाने से क्षेत्रवासी चिंतित हैं। बारिश बढ़ने के साथ ही बाढ़ का खतरा सताने लगा है।
हाइवे पर स्थित गरमपानी – खैरना क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा इस वर्ष भी भगवान भरोसे है। दो वर्ष पूर्व अक्टूबर में मूसलाधार बारिश के बाद उफान में शिप्रा नदी ने खूब कहर बरपाया‌। तीन आवासीय भवन जमींदोज हो गए तो कई आवासीय भवन व व्यवसायिक भवनों को भारी नुकसान पहुंचा। दहशत में लोगों को घर छोड़ कर जीआइसी परिसर में शरण लेनी पड़ी। बारिश कम होने के बाद शिप्रा नदी का उफान कम होने के बाद ही लोगों ने वापसी की। बाढ़ सुरक्षा कार्य की मांग उठी तो सरकार ने छह करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी पर ऐन वक्त पर एक ठेकेदार ने निविदा प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। हाईकोर्ट से स्टे के बाद मामला अधर में लटक गया। करोड़ो रुपये की लागत से होने वाले सुरक्षात्मक कार्यों से राहत की उम्मीद एक झटके में ही काफूर हो गई। हालांकि क्षेत्रवासियों ने भी उच्च न्यायालय नैनीताल के मुख्य न्यायाधीश को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भेज जनहित में बाढ़सुरक्षा कार्य शुरु करवाया जाने को विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग भी उठाई है। अब लगातार बारिश व कुछ समय बाद मानसून की दस्तक से स्थानीय लोग फिर दहशत में हैं। शिप्रा नदी का रौद्र रुप देख चुके स्थानीय लोग बाढ़ सुरक्षा कार्य न होने से मायूस हैं। विभागीय कार्यप्रणाली पर भी नाराजगी जताई है। स्थानीय धन सिंह पिनारी, राकेश जलाल, भैरव नैनवाल, मनोज नैनवाल, कैलाश कांडपाल, मनीष तिवारी, हरक सिंह, भुवन सिंह आदि ने आगामी बरसात में बाढ़ के खतरे को टालने को ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है।