◾ दो वर्ष बीते नहीं ली गई स्टेट हाईवे की सुध
◾ कालिका मोड़ से आगे आज भी हालात भी जस के तस
◾ क्षेत्रवासियों ने उठाई हाईवे को दुरुस्त करने की मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
आपदा को दो वर्ष बीतने के बावजूद महत्वपूर्ण रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे को दुरुस्त न किए जाने से पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है। कालिका मोड़ से चंद कदम आगे दरक चुकी हाईवे की बुनियाद की सुध नहीं ली जा रही जिससे स्टेट हाईवे के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। बामुश्किल वनवे आवाजाही की जा रही है बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। लोगों ने स्टेट हाईवे को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे को दो वर्ष पूर्व आपदा ने खासा नुकसान पहुंचाया। उफान में आई कोसी नदी ने कालिका मोड़ से आगे कनवाडी़ की पहाडी़ के ठिक नीचे करोड़ों रुपये की लागत से तैयार सुरक्षा कार्यों के साथ ही बुनियाद को भी भारी नुकसान किया नतीजतन हाईवे का लगभग 800 मीटर हिस्सा धंसाव की जद में आ गया। बामुश्किल वनवे आवाजाही की व्यवस्था बनाई गई। तब से अब तक हालात जस के तस है। स्टेट हाईवे की सुरक्षा को कोई भी कार्य शुरु नहीं किया जा सका है जिससे स्टेट हाईवे के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। व्यापारी नेता महिपाल सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी, गजेंद्र नेगी, कुलदीप खनायत, विरेंद्र सिंह, संजय बिष्ट, महेंद्र सिंह, दयाल सिंह आदि ने महत्वपूर्ण हाईवे की उपेक्षा पर गहरी नाराजगी जताई है। साफ कहा की तमाम गांवों के लोगो के लिए स्टेट हाईवे जीवन रेखा है। रोजाना आवाजाही को इसी स्टेट हाईवे का इस्तेमाल करते है। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी समझ से परे है। लोगों ने स्टेट हाईवे की सुरक्षा को ठोस कदम उठाए जाने की मांग उठाई है।