🔳उपजाऊ खेतों में उग चुकी बड़ी बड़ी झाड़ियां
🔳मझेडा़ नहर से सिंचित सूरीफार्म क्षेत्र में खेतीबाड़ी पर लगा ग्रहण
🔳तीन वर्ष से मझेडा़ नहर से सिंचाई को पानी न मिलने से गेहूं की बुआई भी छोड़ी
🔳खेतीबाड़ी चौपट होने से मायूस हो चुके कास्तकार
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

किसानों की आय दोगुनी करने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल पर हालात विकट है। बेतालघाट ब्लॉक के सूरीफार्म क्षेत्र में किसान खेतीबाड़ी छोड़ अब मजदूरी करने को विवश हो चुके हैं। तीन वर्ष से गेहूं की बुआई भी नहीं हो सकी है। कभी सब्जियों की बेहतर पैदावार करने वाले उपजाऊ खेतों में झाड़ियों उग चुकी है‌। सिंचाई के पानी के अभाव में खेतीबाड़ी चौपट होने से कास्तकार मायूस हैं।
रातीघाट बेतालघाट मोटर मार्ग से सटे मझेडा़ ग्राम पंचायत के तोक सूरीफार्म क्षेत्र में लगभग तीस से ज्यादा कास्तकार खेतीबाड़ी छोड़ मजदूरी करने को विवश हो चुके हैं। कभी गेहूं व सब्जी उत्पादन में खास पहचान रखने वाले सूरीफार्म क्षेत्र में आज खेतों में बड़ी बड़ी झांडियो का कब्जा हो चुका है। किसानों ने खेतीबाड़ी चौपट होने के लिए सिंचाई विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। आरोप लगाया की तीन वर्ष पूर्व क्षेत्र को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने वाली सिंचाई नहर के आपदा से क्षतिग्रस्त होने के बावजूद आज तक सुध नहीं ली गई। कई बार नहर दुरुस्त करने या वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पंप से पानी चलाने की मांग भी उठाई गई पर जिम्मेदार अधिकारियों ने सुध नहीं ली। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा है। कास्तकार नंदन गिरी, कुंवर गिरी, रमेश गिरी, कैलाश गिरी, रुप राम, नंद राम, टीका राम, प्रकाश चंद्र, गोविन्द राम आदि लगातार उपेक्षा किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है‌ । क्षेत्रवासियों ने मझेडा़ नहर के पुनर्निर्माण तथा किसानों को नुकसान का मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।