🔳खेती-बाड़ी चौपट होने के बाद अब पशुपालन पर मंडराया संकट
🔳पूर्व में पानी के अभाव में दो बकरियों तोड़ चुकी है दम
🔳रिखोली गांव के भड़कीला तोक में बिगड़े हालात
🔳ढाई से तीन किमी दूर से पानी ढोने को मजबूर हुए गांव के बाशिंदे
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

पेयजल संकट से जूझ रहे गांवों में अब पशुपालक मवेशी बेचने को मजबूर हो चुके हो। बेतालघाट ब्लॉक के भडकिला गांव में बूंद बूंद पानी के लिए दो बकरियों के दम तोड़ने के बाद अब पशुपालक औने पौने दामों में मवेशियों को दूसरे गांव के पशुपालकों को बेच दे रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार खुद के हलक तर करना चुनौती बन चुका है ऐसे में पशुपालन का कार्य करना परेशानी बन चुका है। मवेशियों की जिंदगी बच सके इसके लिए दूसरे गांव के लोगों को मवेशी बेचना मजबूरी हो चुका है।
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में बूंद बूंद पानी को हाहाकार मचा हुआ है। रिखोली गांव के तोक भड़कीला में हालात विकट हो गए हैं। पानी न मिलने से बीते दिनों दो बकरियों के दम तोड़ देने के बाद अब हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं। है। लगातार पेयजल संकट बढ़ता ही जा रहा है‌ स्थानीय प्रभाकर सिंह बोहरा के अनुसार ढाई से तीन किमी दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले उनकी दो बकरियों ने दम तोड़ दिया। प्रभाकर सिंह ने बताया की पानी के बढ़ते संकट के कारण अब मवेशियों को दूसरे गांव के पशुपालकों को बेहद कम कीमत पर बेचना मजबूरी बन चुका है। पानी के संकट से पशुपालन पर खतरा बढ़ गया है। ललित सिंह, मदन सिंह, बालम सिंह, टीका सिंह, सुरेन्द्र सिंह आदि पशुपालक अपने मवेशियों को बेच भी चुके हैं। आरोप लगाया की जल जीवन मिशन योजना भी बदहाल पड़ी है। कई बार व्यवस्था में सुधार की मांग उठाए जाने के बावजूद सुध नहीं ली जा रही जिसका खामियाजा क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय रुप सिंह बोहरा, मनोज सिंह बोहरा,चन्दन सिंह बोहरा, मनोज बोहरा, भीम सिंह, बालम सिंह, भगवती देवी, देवेंद्र सिंह, पूरन सिंह, खिमूली देवी, गीता देवी, प्रेमा देवी, नीमा देवी, धन सिंह, बोहरा, गीता बोहरा, मंजू देवी, ललिता, पुष्पा, मदन सिंह, दुर्गा देवी आदि ने जल्द पेयजल व्यवस्था को ठोस कदम उठाए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है की यदि अनदेखी की गई तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।