🔳13 दिन जेल में बिताने के बाद भी नहीं टूटा हौंसला
🔳राम मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान हल्द्वानी से हुए गिरफ्तार
🔳साथियों के साथ मिलकर जेल प्रशासन के खिलाफ कर डाली भूख हड़ताल
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
राम मंदिर आंदोलन को लेकर कोसी घाटी में अलख जगाने वाले गरमपानी निवासी पितांबर तिवारी 22 जनवरी को अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर बेहद खुश हैं। बागेश्वर की अस्थाई जेल में तेरह दिनों तक रहकर रामलला हम आऐंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे के जयकारों के साथ दीपावली मनाने व तमाम अनुभवो को साझा करते हैं।
गरमपानी निवासी पितांबर तिवारी ने राम मंदिर आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। पेशे से व्यापारी पितांबर तिवारी युवावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक के कार्यो में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने लगे। राममंदिर आंदोलन का बिगुल बजा तो पहाड़ों से भी लोग आंदोलन में भागीदारी करने लगे। कोसी घाटी स्थित गरमपानी खैरना व आसपास के क्षेत्रों में पितांबर तिवारी आंदोलन को धार देने में जुट गए। पितांबर आंदोलन के दौर को याद कर कहते हैं की अयोध्या जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मजखाली (रानीखेत) स्थित अस्थाई जेल पहुंचाया गया जहां पहले से ही आंदोलनकारियों की संख्या अधिक होने से अगले दिन बागेश्वर स्थित अस्थाई जेल ले जाया गया। अधपका भोजन देने पर जेल प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल शुरु की। भगवान श्रीराम के जयकारों के साथ जेल में ही दीपावली मनाई। पितांबर कहते हैं की तेरह दिनों तक जेल में रहने के बाद रिहा किया गया पर फिर भी राम मंदिर निर्माण के आंदोलन को संघर्ष जारी रखा। कहते हैं की मुलायम सिंह सरकार के शासनकाल में आंदोलन को कुचलने की काफी कोशिशें की गई पर स्वयं सेवकों के हौंसले के आगे सरकार की तमाम कोशिशें धराशाई होती चली गई। लंबी लड़ाई के बाद अब 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के विराजमान होने पर पितांबर तिवारी बेहतर उत्साहित हैं। कहते हैं की स्वयं सेवकों व पूरे देश के लिए 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक होगा। उन्होंने क्षेत्रवासियों से 22 जनवरी के दिन घर घर दीपोत्सव का आह्वान किया है।
विजय व नवीन ने भी की बढ़-चढ़कर शिरकत
राम मंदिर आंदोलन में पितांबर तिवारी के साथ गरमपानी निवासी विजय तिवारी व नवीन वर्मा ने भी बढ़-चढ़कर कर भागीदारी की। पितांबर कहते हैं की विजय व नवीन का भी जेल के दौरान हौसला नहीं टूटा। जेल से रिहा होने के बाद भी दोनों गांव गांव लोगों को जागृत करने में जुटे रहे। स्वयं सेवक बनकर आंदोलन में भी धार दी