◾ घाट से एक किमी दूर स्थित है लकड़ी टाल
◾ अंत्येष्टि को पहुंचने वाले लोगों को करना पड़ता है परेशानी का सामना
◾ भुजान क्षेत्र के लोगों को भी होती है दिक्कत
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
खैरना मुख्य बाजार में स्थित लकडी़ टाल को शिप्रा तथा कोसी के संगम पर स्थानांतरित किए जाने की पुरजोर मांग उठी है। श्मशान घाट से लकड़ी टाल दूर होने से शवदाह को पहुंचने वाले लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टाल से घाट तक लकडी़ पहुंचाने को वाहन का अतिरिक्त भुगतान करना भी मजबूरी बन चुका है।
दरअसल खैरना चौराहे के समीप उत्तरवाहिनी शिप्रा तथा कोसी नदी के संगम तथा भुजान क्षेत्र में कोसी व कुंजगढ़ नदी के तट पर स्थित श्मशान घाट में आसपास के गांवों से ग्रामीण शवदाह को पहुंचते हैं पर भुजान से तकरीबन दो तथा शिप्रा व कोसी के संगम से लकड़ी की व्यवस्था को एक किमी दूर रुख करना पड़ता है। वाहन के जरिए लकड़ियां श्मशान घाट तक पहुंचाई जाती है जिसमें अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। कई अन्य परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। स्थानीय कुलदीप खनायत, गजेंद्र नेगी, प्रताप सिंह गौणी, विरेंद्र सिंह बिष्ट, संजय सिंह बिष्ट, गोधन सिंह, भैरव नैनवाल, बिशन सिंह जंतवाल, दयाल सिंह, हरीश चंद्र, पंकज नेगी, हरीश कुमार, पंकज भट्ट आदि ने टाल को श्मशान घाट के समीप स्थानांतरित किए जाने की मांग उठाई है।