🔳 जोखिम बढ़ने से दहशत में आए परिवार के लोग
🔳 लोहाली – चमड़ियां पंपिग योजना से लगातार लीकेज से बढ़ रहा खतरा
🔳 पानी के बर्बाद होने से किसानों को भी नहीं हो पा रही समुचित आपूर्ति
🔳 लीकेज रोकने को पुराने कपड़ों का इस्तेमाल कर की गई है इतिश्री
🔳 सहायक अभियंता ने किया चार पांच दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]

किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने को वर्षों पूर्व बनी पंपिग योजना में लीकेज बढ़ने से भू-धंसाव का खतरा बढ़ गया है। आवासीय भवन भी खतरा बढ़ने की आंशका है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। पानी की बर्बादी होने से किसानों के खेतों तक भी समुचित पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामीणों ने तत्काल लीकेज बंद करने की पुरजोर मांग उठाई है ताकि समय रहते आवासीय भवन को बचाया जा सके।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित चमड़ियां क्षेत्र में बनी सिंचाई पंपिग योजना से लोहाली समेत तमाम गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। लंबे समय से हाईवे से सटे क्षेत्र में योजना के पाइप से लगातार पानी बहने से गांवों तक समुचित पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही वहीं लीकेज बढ़ने से अब स्थानीय पूरन चंद्र के आवासीय भवन को खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीण के मकान के नीचे से गुजर रही लाइन से लगातार पानी बहने से जमीन पर धंसाव शुरु होने से ग्रामीण व उसका परिवार दहशत में हैं। पानी का रिसाव लगातार भूस्खलन को बढ़ावा दे रहा है बावजूद संबंधित विभाग सुध नहीं ले रहा। पाईप बदलने व लीकेज बंद करने के बचाव लाइन में कपड़ा बांध इतिश्री कर दी गई है। दिन रात पानी बहने से लगातार खतरा बढ़ने से पूरन चंद्र व उसका परिवार ही चिंता में हैं। पूरन चंद्र के अनुसार लगातार लीकेज बंद करने की मांग उठाई जा रही है पर नलकूप खंड रामनगर के अधिकारी अनदेखी पर आमादा है। बह रहे पानी से आवासीय भवन के नीचे भू-धंसाव तक शुरु हो चुका है पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। आरोप लगाया की ऐसा लगता है मानो अधिकारी आवासीय भवन के ध्वस्त होने का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय पूरन चंद्र, बिहारी लाल, भुवन चंद्र, हीरा लाल, बिहारी, चंद्रशेखर, दीवान राम, टीका राम, रमेश चंद्र आदि ने जल्द लीकेज को बंद कर ग्रामीण के मकान पर मंडरा रहे खतरे को टालने की मांग उठाई है। अनदेखी किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। नलकूप खंड रामनगर के सहायक अभियंता प्रशांत कुमार के अनुसार मामला संज्ञान में है। लीकेज जल्द बंद कराने के प्रयास किए जा रहे। संभवतः चार पांच दिन में व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी।

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