🔳ज्याडी़ व आसपास के गांवों की आवाजाही को कोसी नदी पर स्थित है पुल
🔳स्कूली बच्चे व ग्रामीण जान जोखिम में डाल आवाजाही को हुए मजबूर
🔳जिम्मेदारों के सुध न लिए जाने से ग्रामीणों में रोष
🔳जल्द मरम्मत कर मंडरा रहे खतरे को टालने की उठाई मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से ज्याडी़ समेत आसपास के तमाम गांवों को जोड़ने वाला सेतू खतरे की जद में आ गया है। कोसी नदी पर बने ब्रितानी दौर के सेतू के बीचोंबीच गड्ढा हो जाने से आवाजाही भी खतरनाक हो चुकी है। स्कूली बच्चों व आवाजाही करने वाले गांव के बाशिंदे जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने समय रहते सेतू की मरम्मत की मांग उठाई है।
हाइवे से समीपवर्ती ज्याडी़ व आसपास के गांवो के बाशिंदे कोसी नदी पर वर्षों पुराने सेतू से आवाजाही करते हैं। काश्तकार भी इसी सेतू से नदी को पार उपज को हाइवे तक पहुंचाते हैं साथ ही गांव में स्थित निजी व सरकारी स्कूल के नौनिहाल भी सेतू का इस्तेमाल करते हैं। महत्वपूर्ण सेतू होने के बावजूद जिम्मेदारों की अनदेखी अब भारी पड़ने लगी है। सेतू के रैंप के बीचोंबीच हो चुका गड्ढा होने के बाद भी कोई सुध नहीं ली जा रही। गड्डे का दायरे दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है जिससे पुल पर खतरा बढ़ने का अंदेशा दोगुना हो गया है। सुबह शाम आवाजाही होने से दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है। रात के वक्त दिक्कत और ज्यादा बढ़ जा रही है। कोसी नदी पर बने सेतू पर फोटोग्राफी करने पर्यटक भी पहुंचते हैं ऐसे में कभी भी बड़ी घटना सामने आने का खतरा बना हुआ है। महत्वपूर्ण सेतू की अनदेखी कर क्षेत्रवासियों ने गहरी नाराजगी जताई है। स्थानीय पंकज नेगी, विक्रम सिंह, कमलेश नेगी, महेश नैनवाल, शंकर नैनवाल, हीरा सिंह, चंदन नैनवाल आदि ने जल्द पुल की मरम्मत किए जाने की मांग उठाई है ताकि समय रहते खतरा टाला जा सके।