🔳 कटखने बंदरों के आंतक से दहशत में पूरा गांव
🔳 भय से बच्चों के खेलकूद पर भी स्वजनों ने लगाई रोक
🔳 एक महीने में दो दर्जन से ज्यादा लोग बंदरों के हमले में हो चुके घायल
🔳 ग्रामीणों ने वन विभाग से बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की उठाई मांग
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}

बेतालघाट ब्लॉक के बादरकोट गांव में कटखने बंदरों के आंतक से गांव के बाशिंदे दहशत में हैं। अभिभावक स्कूली बच्चों को कड़ी निगरानी में स्कूल पहुंचा रहे हैं। बंदरों के कभी भी हमलावर हो जाने से बड़ी अनहोनी का खतरा बना हुआ है। पिछले एक महीने के अंतराल में ही बंदर करीब दो दर्जन से ज्यादा लोगों को घायल कर चुके हैं।
बादरकोट गांव बंदरों के आंतक का केंद्र बन चुका है। महीने भर के अंतराल में ही कटखने बंदरों का झुंड दो दर्जन से भी अधिक लोगों को घायल कर चुके हैं। स्थानीय बाशिंदों में दहशत इतनी बढ़ चुकी है की अब अभिभावक नौनिहालों को कड़ी निगरानी में स्कूल पहुंचा रहे हैं। छुट्टी के वक्त भी बच्चों को निगरानी में घर पहुंचाया जा रहा है। बंदरों के बढ़ते आंतक से बच्चे घरों में कैद होकर रह जा रहे हैं। स्वजन बच्चों को खेलने भेजने में तक डरने लगे हैं। स्थानीय लाभांशु सिंह के अनुसार बाहरी क्षेत्रों से लाकर गांव में छोड़े गए बंदर परेशानी बन चुके हैं। खेत खलिहान चौपट करने के बाद अब लोगों पर हमलावर हो रहे कटखने बंदरो से खतरा कई गुना बढ़ गया है। बच्चों को अकेले छोड़ने में बड़ी अनहोनी का अंदेशा बना हुआ है। आरोप लगाया की कई बार बंदरों के आंतक से निजात दिलाने की मांग उठाए जाने के बावजूद सुध नहीं ली जा रही। अनदेखी से कभी भी बड़ी घटना का अंदेशा जताया है। ग्राम प्रधान पूजा पिनारी, मोहन सिंह, उत्तम सिंह, राजेंद्र सिंह, बचे सिंह आदि ने वन विभाग से बंदरों से लगातार बढ़ रही दहशत को समाप्त करने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द बंदरों को पकड़ने को अभियान शुरु नहीं किया गया तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।