🔳 लकड़ी के लिए भी दो किमी दूर करना पड़ रहा रुख
🔳 एक अदद विश्राम गृह का निर्माण नहीं कर सके जिम्मेदार
🔳 अंत्येष्टि को पहुंचने वाले लोगों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
🔳 क्षेत्रवासियों ने उठाई व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की मांग
[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]

भुजान क्षेत्र में कोसी व कुंजगढ़ नदी के संगम पर स्थित मोक्ष धाम की बदहाली से अंतिम संस्कार को पहुंचने वाले लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अंत्येष्टि को दो किमी दूर से लकड़ी की व्यवस्था को मजबूर होना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने मोक्ष धाम पर ही व्यवस्थाएं उपलब्ध कराए जाने पर जोर दिया है।
भुजान स्थित मोक्ष धाम पर आसपास के तमाम गांवों से लोग शवदाह को पहुंचते हैं। मोक्ष धाम में अव्यवस्था से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अंतिम संस्कार के लिए भुजान से दो किमी की दूरी तय कर खैरना स्थित लकड़ी टाल को रुख करना मजबूरी है। वाहन के जरिए लकड़ी मोक्ष धाम पर पहुंचाएं जाने के बाद ही अंत्येष्टि हो पाती है। मोक्ष धाम में ग्रामीणों के विश्राम करने तक के लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है जिस कारण ग्रामीण अंत्येष्टि तक नदी क्षेत्र में ही जहां तहां बैठने को मजबूर हो जाते हैं ऐसे में सांप व कीड़े-मकोड़े का खतरा भी बना रहता है। स्थानीय कुलदीप सिंह खनायत, राम सिंह, विजय सिंह, दीवान सिंह, गोपाल सिंह, देवेंद्र सिंह, विपिन सिंह, दीप जोशी आदि ने मोक्ष धाम में ही लकड़ी उपलब्ध कराने व अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है ताकि शवदाह को पहुंचने वाले लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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