🔳बारिश न होने से सूखने के कगार पर पहुंचे प्राकृतिक जलस्रोत
🔳पेयजल संकट से मवेशियों को भी दूर दराज ले जा रहे पशुपालक
🔳ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने पेयजल व्यवस्था को ठोस उपाय किए जाने की उठाई मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के टंगूयूडा गांव में बूंद बूंद पानी को हाहाकार मचा है। ग्रामीण खुद के खर्चे से प्लास्टिक पाइप खरीद प्राकृतिक जल स्रोत से गांव तक पहुंचाने की जुगत में जुटे है। कई दिनों से नलों में पानी की बूंद तक नहीं टपक रहीं। ग्रामीण तपति धूंप में दूर दराज से पानी ढोने को मजबूर हो चुके हैं। ग्राम प्रधान हरीश चंद्र ने गांव में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।

तापमान बढ़ने के साथ ही गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। बारिश न होने से प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने के कगार पर पहुंच गए है। बूंद बूंद पानी के लिए गांवों में हाहाकार मच गया है। कई गांवों के बाशिंदे दो तीन किमी दूर से तक पानी ढोने को मजबूर हो चुके हैं। घिरोली ग्राम पंचायत के टंगयूडा गांव में भी हालात विकट हो चुके हैं। पशुपालन मवेशियों को भी दूर दराज ले जाकर उनके हलक तर करवा रहे हैं। गांव के बाशिंदे प्लास्टिक के पाइप के सहारे गांव तक पानी पहुंचाने की जुगत में जुटे हैं पर समुचित पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा। ग्राम प्रधान हरीश चंद्र व गांव के बाशिंदों ने पेयजल आपूर्ति दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।