🔳  पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापारियों व विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने उठाई मांग
🔳 लापरवाही पर सातवें आसमान पर पहुंचा पारा
🔳 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी उठाए सवाल
🔳 कुछ दिनों के अंतराल में दूसरी मौत से खुली व्यवस्था की पोल
   [[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

बेतालघाट ब्लॉक के धनियाकोट गांव निवासी जगमोहन सिंह व रामगढ़ ब्लॉक के दियारी गांव निवासी ललित की मौत से पहाड़ में जीवनदायिनी कहीं जाने वाली 108 सेवा व स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई है। खस्ताहाल वाहनों को पहाड़ की सर्पीली सड़कों पर दौडा़कर वाहन में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी व वाहन चालक की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। बावजूद जिम्मेदार अधिकारी जांच का हवाला दे इतिश्री पर आमादा है।
सरकार से भारी भरकम बजट लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने का दावा करने वाले 108 सेवा प्रबंधन की लापरवाही से एक के बाद एक मौतें सामने आ रही है। शनिवार को खस्ताहाल वाहन के मरीज के घर तक पहुंचकर स्टेरिंग फेल हो जाने के मामले में विभिन्न राजनीतिक गैर-राजनीतिक व्यापारिक संगठनों ने गहरा रोष जताया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह जीना, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, मनीष तिवारी, फिरोज अहमद, गजेंद्र सिंह नेगी, गोविन्द सिंह, पंकज भट्ट ने स्वास्थ्य विभाग को भी ग्रामीण की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। आरोप लगाया की 108 सेवा प्रबंधन को स्वास्थ्य विभाग की संस्तुति के बाद ही प्रतिमाह भुगतान किए जाने का प्रावधान है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खस्ताहाल वाहनों के सेवाओं में लगे होने से कैसे भुगतान की संस्तुति कर रहे हैं यह बड़ा सवाल है। साफ कहा की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व 108 प्रबंधन मिलीभगत से सरकारी बजट ठिकाने लगाने के साथ ही आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ पर आमादा है। दो टूक कहा की यदि स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार नहीं हैं तो फिर धनियाकोट के जगमोहन व दियारी के ललित की मौत के लिए जिम्मेदार 108 प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज कराए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *