🔳 प्रबंधन की लापरवाही से एक और ज़िंदगी हुई खत्म
🔳 निजी वाहन से मरीज को अल्मोड़ा लेकर पहुंचे स्वजन
🔳 अस्पताल में चिकित्सकों ने ग्रामीण को कर दिया मृत घोषित
🔳 स्वजनों ने मौत के लिए 108 प्रबंधन को ठहराया जिम्मेदार
🔳 सीएमओ ने किया भुगतान पर रोक लगा कार्रवाई का दावा
[[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]

रामगढ़ ब्लॉक के दियारी गांव निवासी ग्रामीण की जिंदगी 108 सेवा के लापरवाह प्रबंधन की भेंट चढ़ गई। स्वजन आपातकालीन वाहन का इंतजार करते रहे। सुयालबाड़ी अस्पताल से वाहन बिमार के घर तक भी पहुंचा ही था की वाहन का स्टेयरिंग फेल हो गया। आनन फानन में पेट दर्द की असहनीय पीढ़ा से जूझ रहे ग्रामीण को निजी वाहन से बेस अस्पताल अल्मोड़ा ले जाया गया पर तब तक उसकी मौत हो गई। गांव के लोगों ने 108 सेवा प्रबंधन की लापरवाही को ग्रामीण की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
108 सेवा प्रबंधन की लचर कार्यप्रणाली व खस्ताहाल वाहन के कारण एक और ग्रामीण की जिंदगी खत्म हो गई। कुछ दिन पूर्व ही बेतालघाट ब्लॉक के धनियाकोट गांव निवासी जगमोहन 108 सेवा का इंतजार करता रहा पर वाहन खराब हो जाने के कारण वाहन उपलब्ध न होने से जगमोहन की मौत हो गई। अब एक और ग्रामीण की जिंदगी 108 प्रबंधन की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। शनिवार सुबह तड़के रामगढ़ ब्लॉक के दियारी गांव निवासी ललित कुमार (46) पुत्र भवानी राम के पेट में असहनीय दर्द उठी। हालत बिगड़ते देख स्वजनों ने तकरीबन दो बजे 108 सेवा प्रबंधन से संपर्क साध वाहन भेजने की गुहार लगाई। 108 प्रबंधन ने सीएचसी सुयालबाडी से वाहन भेजने का भरोसा दिलाया। करीब तीन बजे के आसपास आपातकालीन वाहन ललित कुमार के घर के समीप पहुंचा चालक ने वाहन को मोड़ने का प्रयास किया तो एकाएक वाहन का स्टेयरिंग फेल हो गया। वाहन के स्टेयरिंग के काम न करने से चालक ने मरीज को ले जाने में असमर्थता जताई। वाहन की स्थिति देख स्वजन भी सख्ते में आ गए। गनीमत रही की मरीज व स्वजनों को लेकर वाहन रवाना नहीं हुआ और बड़ा हादसा टल गया। आनन फानन में स्वजन प्यूडा़ क्षेत्र से निजी वाहन की व्यवस्था कर ललित को लेकर अल्मोड़ा की ओर रवाना हुए। बेस अस्पताल में चिकित्सकों ने ललित को मृत घोषित कर दिया। स्वजनों व ग्रामीणों ने 108 सेवा की लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई। आरोप लगाया की खस्ताहाल वाहन भेजकर मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ किया गया। ग्राम प्रधान लीला देवी, प्रधान प्रतिनिधि चंद्रशेखर के अनुसार यदि आपातकालीन 108 सेवा का वाहन ठिक स्थित में होता तो शायद ललित की जान बच जाती। ग्रामीणों ने भी ललित की मौत के लिए 108 प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा कार्रवाई की मांग उठाई है। मुख्य चिकित्साधिकारी नैनीताल हरीश चंद्र पंत के अनुसार पहले ही वाहनों को बदलने के निर्देश दिए गए थे। भुगतान पर रोक लगाई जाएगी‌। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी।

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