🔳साढ़े चार किमी दायरें में सड़क बद से बद्तर हालत में पहुंची
🔳कदम कदम पर गड्डे कर रहे गुणवत्ता की हकीकत बयां
🔳जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हुए ग्रामीण
🔳अवर अभियंता ने ग्रामीणों को ही ठहराया सड़क की बदहाली का जिम्मेदार
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
पर्वतीय क्षेत्रों में गांवो को जोड़ने वाली सड़कें बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। मोना – क्वारब – सरागाखेत मोटर मार्ग की दयनीय हालत कुछ ऐसी ही हकीकत बयां कर रहा है। दो वर्ष पूर्व लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से सड़क पर किया गया डामरीकरण दम तोड़ चुका है। खस्ताहाल में पहुंच चुके मार्ग पर आवाजाही करने वाले लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा परिवार जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हो चुके हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी मोटर मार्ग की बदहाली के लिए गांव के लोगों को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
सूदूर गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए केंद्र व राज्य सरकार करोड़ों रुपये का बजट उपलब्ध करा रही है पर निर्माण कार्यों में मुनाफे के फेर में गुणवत्ता का ध्यान न रखे जाने से करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सड़कें बदहाली का दंश झेल रही है। जिसका खामियाजा गांवों के बाशिंदों को भुगतना पड़ रहा है। अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा से क्वारब गांव को जोड़ने के लिए दो वर्ष पूर्व मोटर मार्ग का निर्माण किया गया। सड़क निर्माण होने ग्रामीणों को सुगम यातायात की उम्मीद जगी। करीब दो करोड़ रुपये की लागत से लगभग साढ़े चार किमी सड़क पर डामरीकरण किया गया। अब सड़क की हालत बद से बद्तर हो चुकी है। कदम कदम पर गड्डे गुणवत्ता की हकीकत बयां कर रही है। बरसाती पानी की निकासी को बने कलमठ तक बंद है। सड़क के बदहाल होने से क्वारब गांव के बाशिंदों को आवाजाही में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो वर्ष के अंतराल में ही दो करोड़ रुपये की लागत से हुए डामरीकरण के दम तोड़ जाने से गांव के बाशिंदों में गहरा रोष व्याप्त है। आरोप लगाया है की डामरीकरण के वक्त भी गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाए गए पर विभागीय अधिकारियों ने सुध नहीं ली जिसका परिणाम आज सामने आ चुका है। गांव के बाशिंदों ने गुणवत्ताविहीन डामरीकरण की जांच करवाने तथा मोटर मार्ग को तत्काल दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी दी है। सड़क की जिम्मेदारी संभालने वाले पीएमजीएसवाई काठगोदाम खंड के अवर अभियंता मनोज खुल्बे ने कुछ दिन पहले ही वापस मोटर मार्ग का निरीक्षण कर लौटने का दावा किया है। अवर अभियंता ने सड़क की बदहाली के लिए गांव के लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया है। बताया की सड़क पर निर्माण सामग्री गिराने व मवेशियों के चलने से सड़क की हालत बिगड़ी है।