- ग्रामीणों का आरोप क्यों नहीं चलाया जा रहा नहर में पानी
- कांग्रेस ने लगाई जिलाधिकारी से गुहार
- ग्रामीण बोले सब आ रहा समझ में, वक्त आने पर दिया जाएगा जवाब
- पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम टीसीआर के किसानो के हितो के खोखले
गरमपानी डेस्क : ऐसा लगता है मानो खेतों तक पानी पहुंचाने वाली नहर प्रतिष्ठा का सवाल बंन कर रह गई है। नहर में पानी तो नहीं पहुंच रहा पर राजनीति खिलौना बन कर रह गई है। सरकार के नुमाइंदे नहर में पानी चलाने को गंभीर नहीं है तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने जिलाधिकारी के दरबार में नहर को खोलने की गुहार लगाई है। इस सबके बीच खामियाजा सिर्फ कास्तकार भुगत रहे हैं। नुकसान हो रहा है तो सिर्फ काश्तकारों का।
कोसी नदी से तिवारीगांव समेत तमाम गांवों के काश्तकारों के खेतों तक पानी पहुंचाने वाली सिंचाई नहर कई समय से बंद है। किसान लगातार सिंचाई नहर में पानी सुचारु करने की गुहार लगा रहे हैं पर सरकार के नुमाइंदों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। ऐसा लगता है मानो किसी ना किसी ने नहर को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया। बार-बार सवाल उठ रहा है कि प्रदेश के मुखिया तीरथ सिंह रावत और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुना करने का लाख दावे कर रहे हैं पर उनके नुमाइंदे उनके दावों की हवा निकालने में सबसे आगे है । नहर में पानी न चलने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पर कोई सुध लेवा नहीं है। उधर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जिलाधिकारी के दरबार में गुहार लगाई है कि पानी चला दिया जाए पर ना जाने क्यों अब तक नहर में पानी चलने ही नहीं दिया जा रहा आखिर ऐसा क्या हो गया कि नहर की सफाई करने में कई सप्ताह बीत गए। नहर को राजनीति का खिलौना जरूर बना दिया गया। गांव के लोग सब कुछ समझ रहे हैं। उपेक्षा से आहत अब गांवों के लोगों का पारा भी चढ़ने लगा है ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि यदि उपेक्षा की गई तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। दो टूक कहा कि समय आने पर जवाब जरूर दिया जाएगा।