= जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर गांवो के वासिंदे
= रात के वक्त जोखिम हो रहा दोगुना
= समय रहते नही ली सुध तो कभी भी हो सकता है बडा़ हादसा

(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/भरत बोहरा की रिपोर्ट)))

चंपावत में हुए भीषण हादसे ने लोगो को झकजोर दिया है। बदहाल सड़क हादसे का कारण बनी है।बेतालघाट ब्लॉक की तमाम ग्रामीण सड़के भी बदहाली का दंश झेल रही है। जगह जगह दुघर्टना का खतरा बना हुआ है।कभी भी बडा़ हादसा सामने आ सकता है। लोगो ने संबंधित विभागों से मोटर मार्ग को दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों को जोड़ने वाली सड़कें बदहाली पर आंसू बहा रही है। भुजान – बेतालघाट, रातीघाट – बेतालघाट, शहीद बलवंत सिंह भुजान – वर्धो, ऊंचाकोट -रिखोली, बेतालघाट – रामनगर, सीम- सिल्टोना, चमडिया – लोहाली, थुआ ब्लाक – रुपसिंह धूरा आदि मोटर मार्ग पर जगह-जगह खतरा मुंह उठाए खड़ा है। बावजूद संबंधित विभाग आंखें मूंदे बैठा है। चंपावत में बदहाल सड़क की वजह से 14 लोगों की मौत हुई। बेतालघाट क्षेत्र में भी बदहाल सड़के बड़ी घटना की ओर इशारा कर रही हैं। आपदा ने भी सड़कों को जगह जगह तहस नहस कर डाला है। सुरक्षा के ठोस उपाय भी नहीं है। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी, पूरन लाल साह, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह, दलिप नेगी, हरीश चंद्र, पंकज भट्ट, हरीश कुमार, मदन सुयाल, पंकज नेगी, कुबेर जीना आदि ने गांवो को जोड़ने वाले मोटर मार्गो को तत्काल दुरुस्त करने की मांग उठाई है। चेतावनी भी दी है की यदि सुध नही ली गई तो फिर गांवो के लोगो को साथ लेकर आंदोलन शुरु कर दिया जाऐगा।
अल्मोडा़ हल्द्वानी हाईवे तथा रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे के हालात भी नाजुक है आपदा से हुए नुकसान की भरपाई भी नही हो सकी है। जगह जगह हादसे का खतरा बना हुआ है। यात्री जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर है बावजूद कोई सुध लेवा नही है।