= भारत माता की आन बान शान के लिए निछावर किए थे प्राण
= बलिदानी सपूत की मां का सपना आज भी अधूरा
= सिमलखा गांव निवासी कारगिल शहीद के नाम पर मार्ग का नाम रखे जाने की उठी मांग

(((दलिप नेगी/मनोज पडलिया/भरत बोहरा/हरीश कुमार की रिपोर्ट)))

खैरना चौराहे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले रातीघाट बेतालघाट मोटर मार्ग का नाम कारगिल शहीद चंदन भंडारी के नाम पर रखे जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा है कि यदि मोटर मार्ग का नाम सिमलखा गांव निवासी कारगिल शहीद चंदन सिंह भंडारी के नाम पर रखा जाता है तो शहीद व शहीद के स्वजनो का भी मान बढ़ेगा।
कारगिल युद्ध में भारत माता की आन, बान, शान के लिए अपने प्राण निछावर कर देने वाले बेतालघाट ब्लॉक के सिमलखा गांव निवासी शहीद चंदन भंडारी के नाम से रातीघाट बेतालघाट मोटर मार्ग का नाम रखे जाने के लिए ग्रामीणों ने एक स्वर में आवाज उठाई है। ग्रामीणों के अनुसार सरकार ने जीआइसीसी सिमलखा का नाम शहीद के नाम पर रखने का शासनादेश किया है पर शहीद की मां का सपना आज भी अधूरा है। शहीद की मां मोटर मार्ग का नाम अपने वीर सपूत के नाम पर रखे जाने की मांग उठाते रही पर उसका सपना साकार ना हो सका। और कुछ वर्ष पूर्व शहीद की मां का भी निधन हो गया। वीर बलिदानी सपूत को जन्म देने वाली मां का सपना आज भी अधूरा है। दयाल सिंह, भरत सिंह बोहरा, दलीप सिंह, शेखर दानी, हरीश कुमार, चंदन सिंह, वीरेंद्र सिंह, इंदर सिंह, महेंद्र सिंह बिष्ट आदि ने मोटर मार्ग का नाम शहीद के नाम पर रखे जाने की पुरजोर मांग उठाई है।