= आईसीएमआर ने जारी की गाइड लाइन
= महज लक्षण वाले मरीजों की होगी जांच
= नए आदेश से सख्ते में लोग, बडे़ स्तर पर संक्रमण फैलने की आंशका
= सीएमओ बोली – गाइड लाइन भी आई पर भारत सरकार से भी मिले नए आदेश

(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

एक ओर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं वहीं अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद स्वास्थ्य व परिवार कल्याण भारत सरकार की नई गाइडलाइन से स्वास्थ्य विभाग बैकफुट में आ गया है। नई गाइड लाइन के बाद अब टेस्टिंग सीमित कर दी गई है। टैस्टिंग न होने से संक्रमितो की संख्या में कमी आना लाजमि है। लोग इसे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के साथ ही विधानसभा चुनाव के साथ भी जोड़ रहे है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद स्वास्थ्य व परिवार कल्याण के नए नियमों से अब कोरोना टेस्टिंग के कार्य में कमी कर दी गई है। गाइड लाइन के अनुसार अब कम्युनिटी में महज लक्षण वाले लोगो की ही टेस्टिंग की जाऐगी। दूसरे देशो से भारत आने तथा भारत से विदेश जाने वाले लोगो की ही जांच की जाऐगी। बिना लक्षण वाले मरीजो की जांच नही होगी साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों की भी सप्ताह में एक बार जांच की जाऐगी।दस जनवरी को जारी गाइड लाइन में कहा गया है की संक्रमित मरीजो की कांटेक्ट हिस्ट्री में आने वाले लोगो की जांच भी तभी होगी जब उनमे लक्षण होंगे। देश में कहीं भी आने जाने की अनुमति होगी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद स्वास्थ्य व परिवार कल्याण की गाइड लाइन से लोग सख्ते में है। लोगो का कहना है की जांच सीमित करने के आदेश से खतरा बढ़ने की आंशका है। दूसरी ओर लोग इसे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर देख रहे है।लोगो का मानन है की सैम्पलिंग कम होने से निश्चित रुप से संक्रमण के मामले कम आऐंगे।

आईसीएमआर की गाइड लाइन आई है सैंपलिंग बढ़ाने पर पॉजिटिवो की संख्या बढ़ रही है कम करने पर पॉजिटिव कम मिल रहे हैं। अब भारत सरकार से नए आदेश मिले हैं जिसमें टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश मिले हैं। टेस्टिंग होगी तो निश्चित रूप से पॉजिटिव भी मिलेंगे जिससे उन्हें आइसोलेट किया जा सकेगा।


डा. भागीरथी जोशी,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नैनीताल