🔳 ग्राम प्रधान ने संयुक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंप उठाई जांच की मांग
🔳 कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद सुध न लिए जाने पर जताई नाराजगी
🔳 योजना में अनियमितता बरते जाने का भी लगाया आरोप
🔳 जल्द लाभ न मिलने पर तहसील मुख्यालय में धरने की चेतावनी
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

काकड़ीघाट मोटर मार्ग से सटे सिमोली गांव में जल जीवन मिशन योजना निर्माण को चार वर्ष का समय बीतने के बावजूद आज तक लाभ न मिलने से पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। ग्राम प्रधान ने संयुक्त मजिस्ट्रेट को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंप मामले में कार्रवाई की मांग उठाई है। योजना के निर्माण में अनियमितता का आरोप भी लगाया। दो टूक चेतावनी दी की यदि जल्द योजना का लाभ नहीं मिला तो तहसील में ही धरना शुरु कर दिया जाएगा।
गांवो में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन योजना सफेद हाथी बन चुकी है। कहीं योजना का कार्य अधूरा छोड़ा गया है तो कहीं कार्य पूरा होने के बावजूद गांव के लोगों को योजना का लाभ ही नहीं मिल रहा। विभागीय लापरवाही का खामियाजा गांवों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लाखों करोड़ों रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद योजना से पेयजल आपूर्ति न होने से अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। समीपवर्ती सिमोली गांव की ग्राम प्रधान बीना बिष्ट ने ग्रामीणों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल आंनद को सौंप गांव में वर्ष 2021 से जेजेएम योजना का कार्य शुरु होने के बावजूद आज तक योजना का लाभ गांव के लोगों को न मिलने पर नाराजगी जताई। आरोप लगाया की कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद सुध नहीं ली जा रही। ग्राम प्रधान ने जल्द योजना का लाभ दिलाने की मांग उठाई। चेताया की यदि जल्द गांव के लोगों को योजना से लाभ न मिला तो फिर मजबूरन तहसील परिसर में धरना दिया जाएगा। ज्ञापन में नरेंद्र सिंह, डूंगर सिंह, पंकज सिंह, जीवन सिंह, बची राम, चंदन राम, पूरन सिंह, अंकित सिंह, सीमा देवी, चंपा देवी, सुंदर सिंह, प्रेम सिंह आदि मौजूद रहे।

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