🔳 पहली से पांचवीं तक के नौनिहालों को शिक्षित करने को एक शिक्षक तैनात
🔳 विद्यालय के विभागीय कार्यों का भी बोझ संभालना मजबूरी
🔳 नियमानुसार दो शिक्षकों की तैनाती का प्रावधान
🔳 पटरी से उतर रही शिक्षा व्यवस्था से अभिभावक भी चिंतित
🔳 पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ का लगाया आरोप
[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट]]][
बेतालघाट ब्लॉक में पटरी से उतर चुकी शिक्षा व्यवस्था से अभिभावकों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई है। ब्लॉक के विभिन्न गांवों में स्थित करीब 52 राजकीय प्राथमिक विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे संचालित है। पहली से पांचवीं कक्षा के नौनिहालों का भविष्य संवारने को महज एक शिक्षक की तैनाती से शिक्षा विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। पंचायत प्रतिनिधियों ने बदहाल स्थिति को बच्चों के हितों से खिलवाड़ करार दिया है। खंड शिक्षा अधिकारी हवलदार प्रसाद के अनुसार जिलास्तर पर काउंसलिंग जारी है। शिक्षकों के मिलते ही प्राथमिकता से एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में तैनाती की जाएगी।
सूदूर गांवों में मूलभूत सुविधाओं के लिए दूर दराज रुख कर रहे गांवों के बाशिंदों के लिए बच्चों की शिक्षा बड़ी परेशानी बन चुकी है। नौनिहालों को बेहतर बुनियादी शिक्षा दिलाना हर मां बाप का सपना होता है पर बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में स्थित विद्यालयों की हालत अभिभावकों के सपने पर ग्रहण लगा रही है गांवों में स्थित विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से पहली से पांचवीं कक्षा तक के नौनिहालों को बुनियादी शिक्षा उपलब्ध कराने को महज एक शिक्षक की तैनाती है। सूदूर मल्ली पाली, पालडी, डोबा, दड़माडी, ढोलगांव, थापली, चडूयूला, चंद्रकोट, धारी, खैरनी समेत 52 विद्यालय महज एक शिक्षक के भरोसे संचालित है। ऐसे में महज एक ही शिक्षक पहली से पांचवीं कक्षा के नौनिहालों का भविष्य संवारने की जद्दोजहद में जुटे हैं। विद्यालय से संबंधित विभाग कार्य भी एक ही गुरुजन के जिम्में है। नियमानुसार प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षकों की तैनाती का प्रावधान है पर शिक्षा विभाग नियमों का पालन करने में फिसड्डी साबित हो रहा है। एकल शिक्षक के भरोसे संचालित विद्यालयों में नौनिहालों की शिक्षा का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी के अनुसार कई बार विभिन्न मंचों से विद्यालय में शिक्षकों की तैनाती की मांग उठाई जा चुकी है। पर शिक्षा विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। आरोप लगाया की नौनिहालों के भविष्य से खुला खिलवाड़ किया जा रहा है। अभिभावकों की चिंता भी बढ़नी लाजमी है। हाड़तोड़ मेहनत कर अभिभावक बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने का सपना देखते हैं पर शिक्षकों की कमी अभिभावकों के मेहनत पर भी कुठाराघात कर रही है। कोसी घाटी जन विकास समिति के दयाल सिंह दरमाल, हरीश चंद्र, बालम सिंह बोहरा, नारायण सिंह, बिशन सिंह जंतवाल, कृपाल मेहरा आदि ने विद्यालयों में समुचित शिक्षकों की तैनाती की मांग उठाई है। चेताया है की यदि जल्द व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो बीईओ कार्यालय बेतालघाट में धरना दिया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी हवलदार प्रसाद के अनुसार जिला स्तर पर काउंसलिंग गतिमान है। प्राथमिकता के आधार पर एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक की तैनाती की जाएगी।