= व्यवस्था दुरुस्त करने की उठी मांग
= व्यवस्था में सुधार न होने पर आंदोलन का ऐलान
(((फिरोज अहमद/पंकज भट्ट/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))
एक ओर कोरोना संकट दूसरी और पानी को लेकर हाहाकार। ग्रामीण बड़ी परेशानी झेल रहे हैं पर शासन प्रशासन सुनने को तैयार ही नहीं।विभागीय उपेक्षा से अब लोगों का पारा भी चढ़ते ही जा रहा है।
खैरना मुख्य बाजार में आए दिन पेयजल व्यवस्था पटरी से उतर जा रही है जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश में भी लोग हैंडपंप को रूख करने को मजबूर है। ऐसे में परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है। कुछ दिन पेयजल व्यवस्था सुचारु होने के बाद फिर एकदम व्यवस्था लड़खड़ा जा रही है। हफ्ते हफ्ते तक पेयजल उपलब्ध ही नहीं हो पा रहा। स्थानीय लोगों का आरोप है कि समय पर पेयजल की बिल वसूल लिए जाते हैं और व्यवस्था लड़खड़ा ने पर ध्यान नहीं दिया जाता। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द पेयजल आपूर्ति दुरुस्त करने को ठोस कदम नहीं उठाए गए तो सड़क पर उतर संबंधित विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा।