◾ क्षेत्रवासियों की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय
◾ छह करोड़ रुपये से होने वाले बाढ़सुरक्षा कार्यों पर ब्रेक लगने से चढा़ पारा
◾अधिकारियों की कार्यशैली पर भी जताई गई नाराजगी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित गरमपानी – खैरना क्षेत्र में करोड़ों रुपये की लागत से किए जाने वाले बाढ़सुरक्षा कार्यों पर ब्रेक लगने से अब स्थानीय लोगों का पारा भी चढ़ गया है। क्षेत्रवासियों ने बैठक कर विभागीय हीलाहवाली पर गहरी नाराजगी जताई है। सर्वसम्मति से तय हुआ कि यदि जल्द मामले का निस्तारण नहीं किया गया तो फिर क्षेत्रवासी न्यायालय की शरण लेंगे।
गरमपानी – खैरना बाजार के ठीक पीछे बहने वाली उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी में लगभग छह करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जाने हैं पर एन वक्त पर एक ठेकेदार के टेंडर प्रक्रिया पर आपत्ति जताने के बाद हाईकोर्ट चले जाने से मामले पर ब्रेक लग गया है। ऐसे में क्षेत्रवासियों ने विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। महिला सभागार में हुई बैठक में ग्राम प्रधान प्रेमनाथ गोस्वामी ने कहा कि क्षेत्र के लोगों के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है आपदा में पूर्व में क्षेत्र के लोगों को भारी नुकसान पहुंचा है ऐसे में भविष्य में भी लगातार नुकसान होने की आशंका है। बामुश्किल सरकार ने छह करोड़ रुपये की धनराशि से बाढ़ सुरक्षा कार्यों की स्वीकृति दी है पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से कार्य अधर में लटक गए हैं। वक्ताओं ने भी मामले पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सर्वसम्मति से तय हुआ कि यदि तीन दिन के भीतर कार्य शुरू नहीं किए गए तो फिर क्षेत्रवासी भी न्यायालय की शरण लेंगे। इस दौरान भुवन सिंह पिनारी, मनोहर सिंह बिष्ट, धन सिंह पिनारी, मदन सिंह मेहरा, गोधन सिंह गौणी, पूरन सिंह, हरक सिंह पिनारी आदि मौजूद रहे।